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#BlackMoney: कालाधन विदेश भेजने के मामले में भारत चौथे नंबर 4 पर, हर साल विदेश में 3.31 लाख करोड़ जमा करते हैं लोग

कालाधन विदेश में जमा करने के मामले में भारत चौथे स्थान पर पहुंच गया है। रिपोर्ट के मुताबिक 2004-2013 के बीच देश से 51 अरब डॉलर सालाना बाहर ले जाया गया।

Dharmender Chaudhary
Updated on: December 09, 2015 13:27 IST
#BlackMoney: कालाधन विदेश भेजने के मामले में भारत चौथे नंबर 4 पर, हर साल विदेश में 3.31 लाख करोड़ जमा करते हैं लोग- India TV Paisa
#BlackMoney: कालाधन विदेश भेजने के मामले में भारत चौथे नंबर 4 पर, हर साल विदेश में 3.31 लाख करोड़ जमा करते हैं लोग

वाशिंगटन। कालाधन विदेश में जमा करने के मामले में भारत चौथे स्थान पर पहुंच गया है। ग्लोबल फाइनेंशियल इंटीग्रिटी के मुताबिक 2004-2013 के बीच देश से 51 अरब डॉलर (3.31 लाख करोड़ रुपए) सालाना कालाधन बाहर ले जाया गया। वहीं कालाधन विदेश भेजने के मामले में चीन के लोग अव्वल है। चीन के बाद रूस और फिर मेक्सिको का नंबर आता है। देश के रक्षा बजट से ज्यादा पैसा कालाधन के रूप में विदेश में हर साल जमा हो रहा है।

कालाधन जमा करने के मामले में चीन टॉप पर

वाशिंगटन की एक रिसर्च और एडवाइजरी इंस्टीटयूशन ग्लोबल फाइनेंशियल इंटीग्रिटी (जीएफआई) द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक देश के रक्षा बजट से ज्यादा पैसा लोग कालाधन के रूप में विदेश भेजते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक सालाना 51 अरब डॉलर कालाधन भारत से विदेश जा रहा है, जबकि रक्षा बजट 50 अरब डॉलर से कम है। चीन सालाना 139 अरब डॉलर की निकासी के साथ इस सूची में टॉप पर है, जिसके बाद रूस (104 अरब डॉलर सालाना) और मेक्सिको (52.8 अरब डॉलर सालाना) का स्थान है।

10 साल में भारत से 510 अरब डॉलर कालाधन बाहर गया

रिपोर्ट में कहा गया कि 2013 के दौरान विकासशील और उभरती अर्थव्यवस्थाओं में गैरकानूनी धन, टैक्स चोरी, अपराध, भ्रष्टाचार और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों से पैदा रिकार्ड 1,100 अरब डॉलर कालाधन विदेश में जमा किया गया। रिपोर्ट में 2013 तक के आंकड़े उपलब्ध हैं। जीएफआई के अनुमान के मुताबिक कुल मिलाकर 2004-2013 तक के एक दशक के दौरान भारत से 510 अरब डॉलर की राशि भारत से बाहर गई जबकि चीन से 1,390 अरब डॉलर और रूस से 1,000 अरब डॉलर कालाधन विदेश गया।

रिपोर्ट के मुताबिक 2011 में पहली बार विकासशील देशों से कालाधन 1,000 अरब डॉलर के पार पहुंचा था और 2013 में यह बढ़कर 1,100 अरब डॉलर पहुंच गया। 2004 में यह सिर्फ 465.3 अरब डॉलर था। जीएफआई के अध्यक्ष और वित्तीय अपराध विशेषग्य रेमंड बेकर ने कहा इस रिपोर्ट से स्पष्ट है कि कालाधन धन का विदेश जाना विश्व के विकासशील और उभरती अर्थव्यवस्थाओं की सबसे नुकसानदेह समस्या है। उन्होंने कहा इस साल संयुक्त राष्ट्र में अरब नहीं हजार अरब का मंत्र गूंजा जिससे सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के लिए आवश्यक कोष का संकेत मिलता है।

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