नई दिल्ली: चीन के शेनझेन में आयोजित ग्लोबल एनालिस्ट समिट 2016 में हुवावे ने अपनी तीसरी ग्लोबल कनेक्टिविटी इंडेक्स (GCI) रिपोर्ट पेश की है। रिपोर्ट में इंटरनेट कनेक्टिविटी के क्षेत्र में हुए वैश्विक सुधार के बारे में बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक ग्लोबल कनेक्टिविटी के मामले में अमेरिका, सिंगापुर और स्वीडन सबसे ऊपर हैं, जबकि भारत का स्थान 44वां हैं।
रिपोर्ट में शामिल 50 देशों को कनेक्टिविटी और इंटरनेट के विकास पर हुए निवेश के आधार पर मापा गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष वैश्विक स्तर पर ब्रॉडब्रैंड कनेक्टिविटी और स्पीड में काफी सुधार आया है।
भारत का GCI स्कोर 30 और रैंक 44वीं है। इससे यह पता चलता है कि दुनिया में भारत आईसीटी डिप्लॉयमेंट की पहल करने वालों में से एक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की रैंक भले ही अभी अच्छी न हो, लेकिन वर्ष 2017 में स्थिति में तेजी से सुधार आ सकता है।
ग्लोबल कनेक्टिविटी इंडेक्स 2016 में यह बात सामने आई है कि भारतीय सरकार की ओर से की गई पहल डिजिटल इंडिया से बॉडबैंड की पहुंच में सुधार आया है। साथ ही इस पहल के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को ऑनलाइन लाया जाएगा। जो टेलिकॉम सर्विस देने वाली कंपनियों के लिए भी अच्छी खबर है।
यह आंकड़ें उस वक्त आए हैं जब भारत अपनी 4G सेवाओं का विस्तार और लोकल डेटा सेंटर्स की शुरुआत कर रहा है। हुवावे का कहना है कि आईसीटी के इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी के साथ बढ़ने से क्लाउड, भारी डेटा और आईओटी को बढ़ावा मिलेगा। भारत तेज इंटरनेट कनेक्टिविटी और 4जी सेवाओं में तेजी से विकास कर रहा है। रिलायंस जियो के लॉन्च से अगले साल तक अपनी रैंकिंग में बड़ा सुधार ला सकता है।
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