नई दिल्ली। वैश्विक भुखमरी सूचकांक में दुनिया के 119 देशों में भारत 103वें स्थान पर है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। वेल्थ हंगरहिल्फे एंड कन्सर्न वर्ल्डवाइड द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के मुताबिक भारत दुनिया के उन 45 देशों में शामिल है, जहां भुखमरी काफी गंभीर स्तर पर है। इसमें कहा गया है कि 2017 में इस सूचकांक में भारत का स्थान 100वां था लेकिन इस साल की रैंक तुलनायोग्य नहीं है।
वैश्विक भुखमरी सूचकांक लगातार 13वें साल तय किया गया है। इसमें देशों को चार प्रमुख संकेतकों के आधार पर रैंकिग दी जाती है-अल्पपोषण, बाल मृत्यू, पांच साल तक के कमजोर बच्चे और बच्चों का अवरुद्ध शारीरिक विकास। इस सूचकांक में भारत का स्थान अपने कई पड़ोसी देशों से भी नीचे है। भुखमरी सूचकांक में जहां चीन 25वें स्थान पर है, वहीं नेपाल 72वें, म्यांमार 68वें, श्रीलंका 67वें और बांग्लादेश 86वें स्थान पर है। पाकिस्तान को इस सूचकांक में 106वां स्थान मिला है। रिपोर्ट में हालांकि कहा गया है कि भुखमरी का स्तर क्षेत्रों के हिसाब से अलग-अलग है।
सरकार 2030 तक भुखमरी समाप्त करने के लिए प्रयासरत
कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कृषि उत्पादन बढ़ाने के प्रयासों के बारे में ब्यौरा देते हुए कहा कि सरकार वर्ष 2030 तक भुखमरी समाप्त करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए चरणबद्ध तरीके से लगातार काम कर रही है। सिंह की यह टिप्पणी कांग्रेस पार्टी द्वारा भारत में भूख की गंभीर समस्या को लेकर सरकार पर कड़ा प्रहार किए जाने के बाद आई है।
उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादन और खाद्य सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में सरकार ने पिछले साढ़े चार सालों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। खाद्यान्न उत्पादन के चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार, फसल वर्ष 2017-18 (जुलाई-जून) में खाद्यान्न उत्पादन क्रमश: 28 करोड़ 48 लाख टन और बागवानी क्षेत्र का उत्पादन 30.7 करोड टन के रिकॉर्ड स्तर को छुआ है।
भुखमरी की समस्या पर सिंह ने एक अलग बयान में कहा कि सरकार की भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) सभी के लिए खाद्य सुरक्षा और पौष्टिक आहार सुनिश्चित करने और भुखमरी की समस्या को दूर करने के लिए लगातार प्रयासरत है।