न्यूयॉर्क। भारत में मजबूत घरेलू खपत और निवेश से आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2019-20 में 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। हालांकि यह इस साल जनवरी में जताए गए 7.4 प्रतिशत के अनुमान से कम है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है।
संयुक्त राष्ट्र की 2019 मध्य के लिए विश्व आर्थिक स्थिति तथा संभावना (डब्ल्यूईएसपी) रिपोर्ट में दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय उत्पादन में दो तिहाई हिस्सेदारी रखने वाले भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2018 में 7.2 प्रतिशत थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि मजबूत घरेलू खपत और निवेश वृद्धि को समर्थन देते रहेंगे, जिसके 2019 में 7.0 प्रतिशत तथा 2020 में 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
जनवरी के अनुमान से कम है वृद्धि दर
हालांकि रिपोर्ट में जताया गया अनुमान इस साल जनवरी में जारी अनुमान से कम है। उस समय 2019 और 2020 में आर्थिक वृद्धि दर क्रमश: 7.6 तथा 7.4 प्रतिशत रहने की संभावना जताई गई थी। इसके बावजूद भारत आर्थिक वृद्धि के मामले में चीन से आगे दुनिया का प्रमुख देश बना हुआ है।
डब्ल्यूईएसपी के अनुसार सभी प्रमुख विकसित अर्थव्यवस्थाओं के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को कम किया गया है। साथ ही कई विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का वृद्धि परिदृश्य भी कमजोर हुआ है। वृद्धि दर अनुमान कम किए जाने के बावजूद भारत मजबूत घरेलू मांग के बीच बेहतर स्थिति में है। रिपोर्ट में भारत समेत दक्षिण एशिया की आर्थिक वृद्धि में बुनियादी ढांचा बाधाओं को चुनौती बताया गया है।
घटेगी चीन की आर्थिक वृद्धि दर
चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2018 के मुकाबले घटने का अनुमान जताया गया है। जहां 2018 में यह 6.6 प्रतिशत थी वहीं 2019 में इसके 6.3 प्रतिशत तथा 2020 में 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है।
वैश्विक आर्थिक वृद्धि के सामने है चुनौती
वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर के बारे में इसमें कहा गया है कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार विवाद, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नीतिगत अनिश्चितता तथा कंपनियों के कमजोर आत्मविश्वास विश्व की आर्थिक वृद्धि के लिए चुनौती है। इसको देखते हुए वैश्विक आर्थिक वृद्धि के अनुमानों को जनवरी की तुलना में घटा दिया गया है।
नरमी से निपटने के लिए है इसकी जरूरत
संयुक्त राष्ट्र के मुख्य अर्थशास्त्री तथा आर्थिक विकास मामलों के सहायक महासचिव एलियट हैरिस ने कहा कि वृद्धि में मौजूदा नरमी से निपटने के लिए अधिक व्यापक और लक्षित नीतिगत पहल की जरूरत है।
डब्ल्यूईएसपी रिपोर्ट में व्यापार विवाद बने रहने तथा उच्च शुल्क की दर के कारण 2019 के लिए विश्व व्यापार की वृद्धि दर के अनुमान को कम कर 2.7 प्रतिशत कर दिया गया है। जबकि 2018 में यह 3.4 प्रतिशत था।