नई दिल्ली। आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिये उठाये जा रहे कदमों का असर देखने को मिलने लगा है। मोबाइल हैंड सेट उत्पादन के क्षेत्र में भारत ने अपनी स्थिति और मजबूत कर ली है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने आज ट्वीट के जरिये आंकड़े साझा करते हुए जानकारी दी कि भारत दुनिया भर में मोबाइल हैंडसेट निर्माता देशों में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।
वीते वित्त वर्ष में 2 लाख करोड़ से ज्यादा के मूल्य के फोन का निर्माण
पूर्व केन्द्रीय मंत्री के द्वारा साझा की गयी जानकारी के मुताबिक साल 2020-21 में भारत में 2.2 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 30 करोड़ मोबाइल फोन का निर्माण किया गया। आंकड़ों के मुताबिक साल 2014-15 में ये आंकड़ा मात्र 19 हजार करोड़ रुपये का था। साल 2014-15 से 2020-21 के बीच उत्पादित मोबाइल फोन हैंड सेट की संख्या 6 करोड़ से बढ़कर 30 करोड़ पर पहुंच गयी। वहीं मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट की संख्या 2 से बढ़कर 200 तक पहुंच गयी। अपने ट्वीट में पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को दुनिया भर के मैन्युफैक्चरिंग हब में बदल दिया है।
'आयात करने वाला भारत अब मोबाइल फोन का कर रहा निर्यात'
इस साल 15 अगस्त को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोबाइल फोन के निर्माण में देश की लंबी छलांग का जिक्र लाल किले से किया था। उन्होने कहा था कि भारत सात साल पहले 8 अरब डॉलर मूल्य का मोबाइल फोन आयात करता था और अब देश इन्ही उपकरणों का 3 अरब डॉलर मूल्य का निर्यात कर रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा था कि, ‘‘योजना से जो बदलाव आये हैं, इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण उसका उदाहरण है। सात साल पहले, हम करीब 8 अरब डॉलर मूल्य का मोबाइल फोन आयात करते थे। अब आयात कम हुआ है। आज हम 3 अरब डॉलर मूल्य का मोबाइल फोन आयात कर रहे हैं।’’