बीजिंग। भारत शहरी विकास और उर्जा क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों में 2-3 अरब डॉलर की परियोजनाओं को एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक (AIIB) के वित्तपोषण के लिए तैयार कर रहा है। इसके साथ ही भारत ने चीन के समर्थन वाले इस बैंक का कार्यालय दिल्ली में खोलने की भी पेशकश की है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चीन की यात्रा के तीसरे दिन AIIB के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की सालाना आम बैठक के सत्र को संबोधित करते हुए यह पेशकश की। जेटली के बैठक में दिए भाषण का ब्यौरा उपलब्ध कराने वाले भारतीय दूतावास के वक्तव्य में कहा गया है, भारत में ढांचागत क्षेत्र में निवेश की काफी मांग है और वह AIIB के वित्तपोषण के लिए 2 से 3 अरब डॉलर की परियोजनाएं तैयार कर रहा है। यह परियोजनायें स्मार्ट शहरों सहित शहरी विकास, उर्जा, शहरी परिवहन, रेलवे, अंतरदेशीय जलमार्ग और जलापूर्ति क्षेत्र की हैं।
वक्तव्य के अनुसार वित्त मंत्री ने ढांचागत क्षेत्र की इन परियोजनाओं के लिए प्रभावी ढंग से वित्तपोषण उपलब्ध कराने के वास्ते AIIB का नई दिल्ली में एक क्षेत्रीय कार्यालय खोलने में भारत के समर्थन की भी पेशकश की। इससे परियोजनाओं के विकास की गति को तेज करने और उनकी निगरानी तथा क्रियान्वयन में काफी मदद मिलेगी।
बैंक ने पाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और ताजिकिस्तान में परियोजनाओं के लिए कुल 50.90 करोड़ डॉलर के चार ऋणों के पहले सेट को मंजूरी दी है। जेटली ने कहा कि एआईआईबी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए मुश्किल समय में काफी उम्मीदों के साथ अस्तित्व में आया। बैठक से पहले चीन के सरकारी चैनल सीसीटीवी के साथ बातचीत में जेटली ने कहा कि भारत बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा विकास कार्यक्रम चला रहा है और यह निर्णय किया जाएगा कि किन परियोजनाओं को वित्त पोषण के लिए एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) के पास भेजा जाना चाहिए।
बीजिंग स्थित एआईआईबी के प्रमुख चीन के पूर्व सहायक वित्त मंत्री जिन लिक्यून हैं। वहीं भारत के डी जे पांडियान उपाध्यक्ष तथा मुख्य निवेश अधिकारी हैं। जिन ने कहा कि बैंक ने कल चार कर्ज को मंजूरी दी और साल की दूसरी छमाही में और परियोजनाएं लाने की उम्मीद कर रहे हैं तथा 2017 के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने 2016 की व्यापार योजना तथा बजट के क्रियान्वयन को लेकर विस्तृत रिपोर्ट पेश की। चीन के शंघाई में ब्रिक्स देशों के नव विकास बैंक का भी मुख्यालय है। इसका नेतृत्व जाने माने भारतीय बैंकर के.वी. कॉमत कर रहे हैं।
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