मुंबई। केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि डाक विभाग के प्रस्तावित भुगतान बैंक के लिए सरकार अलग तरह के स्वामित्व ढांचे पर विचार कर रही है ताकि इसे पेशेवर ढंग से चलाया जा सके। सरकार इसमें 400 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। अगले साल मार्च तक इस भुगतान बैंक को शुरू करने के लक्ष्य की बात करते हुए उन्होंने कहा, हमारा प्रस्ताव सरकार की ओर से इसमें 400 करोड़ रुपए निवेश करने का है और बाकी का धन इक्विटी के रास्ते जुटाया जाएगा। इसका अंतिम ढांचा तभी सामने आएगा।
जब उनसे पूछा गया कि क्या उनका इशारा भुगतान बैंक में शेयरों की संभावित बिक्री पर है तो प्रसाद ने कहा कि इसका ढांचा डाक विभाग से अलग होगा। यह बैंक पेशेवर तरीके से चलाया जाएगा। हालांकि, उन्होंने अलग प्रकार के स्वामित्व ढांचे को स्पष्ट नहीं किया। प्रसाद ने विशेष बैठक को संबोधित कर रहे थे। यह बैठक सरकार के दो साल की उपलब्धियों को बताने के लिए बुलाई गई थी। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार अपने अधिकारियों को सशक्त बनाने में विश्वास करती है।
डाक विभाग को रिजर्व बैंक ने भुगतान बैंक चलाने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी है। डाक विभाग को मिलाकर कुल 11 कंपनियों को भुगतान बैंक चलाने के लिए मंजूरी दी गई थी। इनमें से चोलामंडलम, टैक महिन्द्रा और दिलीप सांघवी-टेलेनोर-आईडीएफसी गठबंधन पहले ही इस दौड से बाहर हो चुका है। उन्होंने क्षेत्र में अत्यधिक प्रतिस्पर्धा को देखते हुए अपने हाथ खींच लिए है।
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