नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री रवि शकंर प्रसाद ने बुधवार को कहा कि भारत में आईफोन बनाने के प्रस्ताव को लेकर एप्पल के साथ वार्ता शर्तों पर भारत का रुख लचीला व खुला है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर यह प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनी एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत में विनिर्माण करती है तो उसे नुकसान नहीं होगा। सूचना प्रौद्योगिकी एवं विधि मंत्री प्रसाद ने एक साक्षात्कार में कहा कि हम एप्पल के साथ गंभीर संवाद की प्रक्रिया में हैं। उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार है। मैं आपसे कह सकता हूं कि (यहां मौजूद अवसरों के मद्देनजर) एप्पल को भारत में नुकसान नहीं होगा, लेकिन हमें उनकी तरफ से औपचारिक प्रस्ताव का इंतजार है।
उन्होंने विश्वास जताया कि भारत स्मार्टफोन कंपनियों के लिए बड़े घरेलू बाजार व निर्यात संभावनाओं की पेशकश करता है। इसके साथ ही उन्होंने जोर दिया कि किसी एक कंपनी को ऐसे प्रोत्साहन नहीं दिए जा सकते, जिससे दूसरी को नुकसान हो।
उन्होंने कहा कि स्वाभाविक है कि प्रोत्साहन इस तरह नहीं दिए जा सकते कि मौजूदा कंपनियों को नुकसान हो। लेकिन एप्पल के मामले में हमारा रुख लचीला व खुला है, वे क्या पेशकश करते हैं।
मंत्री ने कहा कि भारत केवल बड़ा उपभोक्ता बाजार ही नहीं है बल्कि वह एप्पल जैसे वैश्विक मोबाइल कंपनियों के लिए निर्यात हब के रूप में भी काम कर सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार इस बारे में एप्पल से संवाद कर रही है। एप्पल ने इस बारे में भेजे गए ई-मेल का कोई जवाब नहीं दिया है।
उल्लेखनीय है कि मोबाइल ग्राहक आधार के लिहाज से भारत, चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। मार्च 2018 के अंत में यहां दूरसंचार ग्राहकों की संख्या 1.18 अरब थी। यह पूछे जाने पर कि क्या एप्पल को स्थानीय विनिर्माण विस्तार के लिए विशेष प्रोत्साहन दिए जाएंगे? प्रसाद ने कहा कि यह बातचीत पर निर्भर करेगा। प्रसाद ने कहा कि सरकार नई इलेक्ट्रॉनिक्स नीति को अंतिम रूप देने पर भी काम कर रही है। इसमें निर्यातोन्मुखी पहलों के लिए अलग ब्योरा होगा।