नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया कि जरूरी वृहद और सूक्ष्म वृद्धि जैसे कारकों के सहारे भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। मंत्रालय द्वारा तैयार की गई मासिक आर्थिक समीक्षा के अनुसार, तेज टीकाकरण और त्योहारी सीजन भारतीय अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार को गति देंगे और इसके चलते मांग-आपूर्ति के बीच का अंतर कम होगा तथा रोजगार के ज्यादा अवसरों का सृजन होगा।
समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है, "प्रमुख संरचनात्मक सुधारों को समाहित करते हुए आत्मनिर्भर भारत मिशन, व्यापार के अवसरों के संकेत और खर्च करने वाले चैनलों के विस्तार के माध्यम से, देश के आर्थिक पुनरुद्धार को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।" समीक्षा में कहा गया, "जरूरी वृहद और सूक्ष्म वृद्धि चालकों के साथ यह दौर भारत के निवेश चक्र को रफ्तार देने और दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में उसके पुनरुद्धार को गति देने के लिए तैयार है।" इस साल जनवरी में जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 में मार्च 2022 में समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के दौरान 11 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया गया था।
रिजर्व बैंक ने पिछले महीने ही चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि के अनुमान को 9.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा था। वहीं विश्व बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था के वित्त वर्ष 2021-22 में 8.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद जताई है। फिच रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 8.7 प्रतिशत कर दिया। इसके साथ ही उद्योग संगठन फिक्की ने वित्त वर्ष 2021-22 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 9.1 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद जताई है।