मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी आर शंकर ने पूंजी खाता परिवर्तनीयता मानदंडों में और ढील देने का संकेत देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि देश मुद्रा प्रबंधन के संबंध में कुछ बुनियादी बदलावों के मुहाने पर है। शंकर ने फॉरेन एक्सचेंज डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफईडीएआई) की सालाना बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने पूंजी खाते पर परिवर्तनीयता के बढ़ते स्तर को हासिल करने में एक लंबा सफर तय किया है और विदेशी पूंजी प्रवाह की एक स्थिर संरचना हासिल करने के लिहाज से नीतिगत विकल्पों के लिए व्यापक रूप से इच्छित नतीजे पाए हैं।
परिवर्तनीयता का मतलब भुगतान संतुलन से जुड़े लेन-देन की खातिर भुगतान करने के लिए घरेलू मुद्रा को विदेशी मुद्रा एवं विदेशी मुद्र के घरेलू मुद्रा में बदलने की क्षमता से है। वहीं चालू खाता परिवर्तनीयता चालू खाता लेनदेन के लिए घरेलू मुद्रा को परिवर्तित करने की क्षमता या स्वतंत्रता है जबकि पूंजी खाता परिवर्तनीयता पूंजी खाता लेनदेन के लिए घरेलू मुद्रा को परिवर्तित करने की क्षमता है। हालांकि भारतीय रुपया चालू खाता लेनदेन के लिए पूरी तरह से परिवर्तनीय है, रिजर्व बैंक केवल पूंजी खाता मामले में सीमित लेनदेन की मंजूरी देता है। उन्होंने कहा, "भारत बाजार में एकीकरण के साथ इस क्षेत्र में कुछ बुनियादी बदलावों के मुहाने पर खड़ा है।’’