एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, भारत निवेश और निवेश सुगमीकरण को एजेंडा सूची में शामिल किए जाने पर कठोर आपत्ति जताता है। निवेश सुगमीकरण डब्ल्यूटीओ के दायरे में नहीं आता। यह व्यापार सुगमीकरण और निवेश के व्यापार संबंधित पहलुओं का ही मंच है। उसने कहा कि यह पूरी तरह द्विपक्षीय मुद्दा है और घरेलू नीतियों से जुड़ा है। परिषद के अध्यक्ष ने इस बारे में अनौपचारिक बैठक बुलाई है।
अधिकारी ने कहा कि निवेश सुगमीकरण मुख्य रूप से राष्ट्र की नीति है जिसका मकसद विदेशी निवेश आकर्षित करना होता है। अगर इसे डब्ल्यूटीओ के एजेंडे में शामिल किया जाता है तो यह घरेलू नियम तैयार किए जाने की गुंजाइश को सीमित करेगा। भारत ने हमेशा कहा है कि इस प्रकार के नये मुद्दों पर बातचीत के बजाए डब्ल्यूटीओ सदस्य देशों को सबसे पहले खाद्य सुरक्षा उद्देश्य के स्थायी समाधान तलाशने और आयात बढ़ने की स्थिति में विकासशील देशों के गरीब किसानों को संरक्षण देने पर ध्यान देना चाहिए।