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गरीबी खत्‍म करने के लिए भारत के लिए जरूरी है सालाना 9-10 प्रतिशत विकास दर, कारोबार को सुगम बनाने की है जरूरत

अमिताभ कांत ने कहा कि लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के लिए देश को अगले तीन दशक तक सालाना 9-10 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करनी होगी।

Abhishek Shrivastava
Updated : August 19, 2017 10:44 IST
गरीबी खत्‍म करने के लिए भारत के लिए जरूरी है सालाना 9-10 प्रतिशत विकास दर, कारोबार को सुगम बनाने की है जरूरत
गरीबी खत्‍म करने के लिए भारत के लिए जरूरी है सालाना 9-10 प्रतिशत विकास दर, कारोबार को सुगम बनाने की है जरूरत

नई दिल्‍ली। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने कहा कि लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के लिए देश को अगले तीन दशक तक सालाना 9-10 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करनी होगी।

एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कांत ने यहां कहा कि भारत में कारोबार को सुगम बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था का अधिक अभिन्न हिस्सा बनना होगा। युवा लोग विश्‍व का नेतृत्व कर रहे हैं और हमें इसे पहचानने की जरूरत है।

टिकाऊ शहरीकरण के लिए बहुत संभावनाएं हैं भारत में

अमिताभ कांत ने कहा कि भारत के पास टिकाऊ शहरीकरण के लिए बहुत अधिक संभावनाएं हैं। उन्‍होंने कहा कि अमेरिका और यूरोप में शहरीकरण की प्रक्रिया खत्‍म हो चुकी है तथा चीन में लगभग यह पूरी होने वाली है। इन उदाहरणों से भारत सीख ले सकता है और शहरीकरण की दिशा में आगे बढ़ सकता है।

उन्‍होंने कहा कि भारत के पास शहरीकरण के लिए अपार संभावनाएं हैं, हमारे पास अधिक इन्‍नोवेटिव और टिकाऊ शहरीकरण के लिए अवसर हैं। हमें ऐसे शहरों का निर्माण करने की जरूरत है, जो कॉम्‍पैक्‍ट हों, कम प्रदूषित हों, जहां पानी को रिसाइकिल किया जा सके और कचड़े को भी रिसाइकिल किया जाए। इसलिए हम सबके लिए यहां बहुत अवसर हैं और टिकाऊ शहरीकरण के जरिये हम बाकी पूरी दुनिया के सामने एक मॉडल पेश कर सकते हैं।

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