नयी दिल्ली: टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा है कि भारत को अलग-अलग कोविड-19 टीकों का लाइसेंस लेने की जरूरत है। साथ ही कोविड की दूसरी लहर के बीच देश की जरूरत को पूरा करने के लिए कई कारखानों में युद्धस्तर पर इसका उत्पादन करने की जरूरत है। चंद्रशेखरन ने सोमवार को दूसरी लहर को काफी ‘चिंताजनक और डराने’ वाली करार दिया।
100 अरब डॉलर के उद्योग समूह के प्रमुख ने कहा कि ‘ट्रेसिंग’ और टीकाकरण तेज करने और टीकों की आपूर्ति पर निगाह रखने की जरूरत है, क्योंकि राष्ट्रीय स्तर का लॉकडाउन इसका समाधान नहीं है। इससे अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होगी और समाज के कमजोर वर्ग के लोगों पर काफी व्यापक असर होगा।
चंद्रशेखरन ने एआईएमए के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमें ज्यादा से ज्यादा भिन्न टीकों का लाइसेंस लेने की जरूरत है।’’ उनसे पूछा गया था कि यदि उन्हें यह जिम्मेदारी दी जाती तो वह इससे कैसे निपटते। इसे कठिन सवाल बताते हुए टाटा समूह के प्रमुख ने कहा कि हमें वास्तव में युद्धस्तर पर यह करने की जरूरत है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि उत्पादन का स्तर बढ़ाने के लिए इसके लिए थोड़े से समय में निवेश करने की जरूरत है। चंद्रशेखरन ने कहा, ‘‘हमें यह देखना होगा कि हम जरूरत को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर उत्पादन कैसे बढ़ा सकते हैं। यह गंभीर स्थिति है। ऐसा करने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा कि तत्काल आधार पर हम ट्रेसिंग और टीकाकरण बढ़ा सकते हैं। साथ ही टीके की आपूर्ति पर भी निगाह रखने की जरूरत है।