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2050 तक देश में 33.3 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन की जरूरत, सरकार सामने ये हैं बड़ी चुनौती

भारत को अपनी बढ़ती मांग पूरी करने के लिए 2050 तक सालाना खाद्य उत्पादन बढ़ाकर 33.3 करोड़ टन करने की जरूरत है जो वर्तमान में 25.2 करोड़ टन के आसपास है।

Dharmender Chaudhary
Updated : December 04, 2015 8:46 IST
2050 तक देश में 33.3 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन की जरूरत, सरकार सामने ये हैं बड़ी चुनौती
2050 तक देश में 33.3 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन की जरूरत, सरकार सामने ये हैं बड़ी चुनौती

नई दिल्ली। भारत को अपनी बढ़ती मांग पूरी करने के लिए 2050 तक सालाना खाद्य उत्पादन बढ़ाकर 33.3 करोड़ टन करने की जरूरत है, जो वर्तमान में 25.2 करोड़ टन के आसपास है। ग्रांट थार्नटन-फिक्की की रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में खाद्यान्न उत्पादन काफी बढ़ा है। लेकिन देश में पर्याप्त सिंचाई का साधन नहीं होने और पिछले दो साल से देश में सामान्य से कम बारिश ने चिंता बढ़ा दी है। सरकार के सामने खाद्यान्न पूर्ती की बड़ी चुनौती होगी।

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इक्विपमेंट के इस्तेमाल से बढ़ेगा उत्पादन

मशीनीकरण के जरिए कृषि क्षेत्र में बदलाव शीर्षक से जारी रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया है कि उचित कृषि उपकरण के इस्तेमाल से कृषि उत्पादकता 30 फीसदी तक बढ़ाई जा सकती है और लागत में करीब 20 फीसदी तक की कमी लाई जा सकती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वर्ष 2050 तक कुल कार्यबल में कृषि कामगारों का फीसदी घटकर 25.7 फीसदी पर आने की संभावना है, जबकि 2001 में में यह 58.2 फीसदी थी। यानी देश में किसानों की संख्या लगातार घट रही है। मशीनीकरण से पहले भी खाद्यान उत्पादन में बढ़ोत्तरी हो रही है, लेकिन किसानों को रोजगार देना भी सरकार के लिए चुनौती है।

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सिंचाई की नहीं पर्याप्त व्यवस्था

एक्सपर्ट्स मानते हैं की अभी भी देश में 60 फीसदी कृषि योग्य भूमि सिंचाई के लिए बारिश पर निर्भर है। इसके कारण जिस साल देश में बारिश कम होती है, खाद्यान उत्पादन घट जाता है। इसके कारण किसानों और आम आदमी सभी को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। 2014 में सामान्य के मुकाबले 12 फीसदी कम बारिश हुई थी, जिसके कारण देश में खाद्यान उत्पादन में करीब 5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। यही वजह है की दाल की कीमतें 250 रुपए प्रति किलो के पार पहुंच गई थी।

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