Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. आवास, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए भारत को 1,000 अरब डॉलर की जरूरत

आवास, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए भारत को 1,000 अरब डॉलर की जरूरत

अगले पांच-सात सालों में भारत को अपनी आवास और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की मांग को पूरा करने के लिए 1,000 अरब डॉलर की आवश्यकता होगी

Abhishek Shrivastava
Published on: October 13, 2016 21:32 IST
आवास, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए भारत को 1,000 अरब डॉलर की जरूरत- India TV Paisa
आवास, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए भारत को 1,000 अरब डॉलर की जरूरत

मुंबई। अगले पांच-सात सालों में भारत को अपनी आवास और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की मांग को पूरा करने के लिए 1,000 अरब डॉलर की आवश्यकता होगी और इसके लिए बैंक, निजी इक्विटी और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां कोष मुहैया कराने का मुख्य स्रोत हो सकती हैं।

नारेडको, पीडब्ल्यूसी और एपीआरईए के संयुक्त सर्वेक्षण पर आधारित एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रिपोर्ट के अनुसार इसमें से करीब 70-80 प्रतिशत निवेश की मांग अकेले आवास क्षेत्र से होगी, जबकि स्मार्टसिटी परियोजना, हवाईअड्डों, रेलवे, शहरी परिवहन, औद्योगिक गलियारे का विकास इत्यादि क्षेत्र में बाकी निवेश की आवश्यकता होगी।

बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से पड़ोसी देशों से बेहतर तरीके से जुड़ेगा भारत

एशिया प्रशांत के धनाढ्यों में भारतीयों का बड़ा योगदान

एक रिपोर्ट के अनुसार एशिया प्रशंत क्षेत्र के धनाढ्यों (एचएनडब्ल्यूआई) की चौथी सबसे बड़ी संख्या भारत में है। इन धनाढ्यों की कुल निवल संपत्ति 797 अरब डॉलर आंकी गई है।

कैपजेमिनी ने अपनी रिपोर्ट एशिया प्रशांत वेल्थ रिपोर्ट 2016 में यह निष्कर्ष निकाला है। इसके अनुसार भारत में एचएनडब्ल्यूआई की संख्या बढ़कर पिछले साल दो लाख हो गई, जो 2014 में 1.8 लाख थी। इस दौरान इन धनाढ्यों की कुल संपत्ति 1.6 प्रतिशत बढ़ी। एशिया प्रशांत क्षेत्र में इस तरह के धनाढ्यों की सबसे बड़ी संख्या जापान में 27 लाख से अधिक है। वहीं चीन में यह संख्या 10 लाख व ऑस्ट्रेलिया में 2.3 लाख है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement