लास एंजलिस: भारत को व्यापार के विस्तार तथा बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए जरूरी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आकर्षित करने के लिए आर्थिक संचालन व्यवस्था को आधुनिक रूप देने और उसमें सुधार की जरूरत है।
सहायक विदेशक मंत्री (दक्षिण तथा मध्य एशिया) निशा देसाई बिसवाल ने यह बात कही। उन्होंने कहा, भारत को अपनी जरूरत के मुताबिक निवेश आकर्षित करने तथा व्यापार के विस्तार के लिये उसे कारोबार को आसान बनाने को लेकर पहले अपने आर्थिक कामकाज को आधुनिक बनाने तथा उसमें सुधार की जरूरत होगी।
सैन डिआगो में कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय में 33वें महात्मा गांधी स्मृति व्याख्यानमाला में उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण कदमों से यह सुनिश्चित हो सकता है कि देश उस पूंजी को आकर्षित कर पाएगा जो उसे 2030 के भारत बनाने के लिये जरूरी है।
भारत के लिये जरूरी कदमों के बारे में निशा ने कहा कि अब सरकार की बौद्धिक संपदा व्यवस्था की दिशा में काम करने की जरूरत है ताकि प्रौद्योगिकी एवं नवप्रवर्तन के लिये पर्याप्त सुरक्षात्मक उपाय हों।
साथ ही कंपनी कर संहिता में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिये वह भरोसेमंद हो तथा उसमें निरंतरता हो तथा विवादों के निपटान के लिये एक प्रभावी प्रणाली उपलब्ध कराना भी जरूरी है। उन्होंने कहा, हम पहले से ही सही दिशा में कुछ कदम देख रहे हैं और इसके परिणामस्वरूप अधिक पूंजी प्रवाह देख रहे हैं। हमें उम्मीद है कि द्विपक्षीय निवेश संधि को आगे बढ़ाना तथा वस्तु एवं सेवा कर (GST) मोदी सरकार की दो प्राथमिकताएं हैं। इससे भारत के प्रति निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा।
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