नई दिल्ली। भारत इस साल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आकर्षित करने में चीन को पीछे छोड़ सकता है। यह बात जापान की वित्तीय सेवा कंपनी नोमुरा ने कही है। नोमुरा ने एक रिसर्च रिर्पोट में कहा कि हमारा मानना है कि सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के अनुपात के रूप में भारत में FDI 2016 में चीन से अधिक रह सकता है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने इलेक्ट्रॉनिक्स, सौर ऊर्जा, वाहन, रक्षा और रेलवे में बड़े निवेश के वादे किए हैं।
रिर्पोट में कहा गया है, “इस सुधार के मिल रहे अनुकूल परिणामों के शुरुआती संकेत भी समझे जा सकते हैं।” रिर्पोट में चीन के मुकाबले भारत में FDI बढ़ने के कई कारण बताए गए हैं, जिनमें दोनों देशों के अलग-अलग विकास परिदृश्य, भारत में FDI उदारीकरण और आर्थिक सुधार की जारी प्रक्रिया और चीन में बढ़ती श्रम लागत शामिल हैं।
सरकार ने सोमवार को कहा कि वित्त वर्ष 2015-16 में अप्रैल से फरवरी महीने के बीच भारत में रिकार्ड 51 अरब डॉलर FDI आया है। अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने भी इस महीने के शुरू में कहा है कि भारत में बढ़ते FDI से चालू खाता घाटा कम करने और विदेशी ऋण घटाने में मदद मिलेगी। जनवरी 2016 में देश में तीन अरब डॉलर FDI आया, जो अब तक किसी भी एक महीने का सर्वाधिक है।
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