नई दिल्ली। भारत अगले तीन माह के दौरान नौकरियों की योजना को लेकर सबसे ज्यादा उम्मीदों वाला देश है। एक सर्वेक्षण में हालांकि, कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती तथा आईटी क्षेत्र में ऑटोमेशन के प्रभाव की वजह से भारतीय नियोक्ता कुछ अधिक सतर्क दिखते हैं।
त्रैमासिक मैनपावर रोजगार परिदृश्य सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत, जापान तथा ताइवान की कंपनियां में नौकरियों को लेकर मजबूत विश्वास हैं। वहीं ब्राजील, बेल्जियम, फिनलैंड, इटली तथा स्विट्जरलैंड में नौकरियों की योजना काफी कमजोर है।
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अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान भारत का शुद्ध रोजगार परिदृश्य 31 प्रतिशत रहा, जो सर्वे में शामिल 43 देशों में सबसे अधिक है। मैनपावरग्रुप इंडिया के समूह प्रबंध निदेशक ए जी राव ने कहा, नौकरियों के परिदृश्य से भारतीय नियोक्ताओं में कुछ सतर्कता का संकेत मिलता है। भारतीय कंपनियों के सामने मौजूदा वैश्विक सुस्ती तथा आईटी क्षेत्र में चल रहे ऑटोमेशन के लिए प्रतिभाओं की कमी की समस्या है।
राव ने कहा कि उच्च कौशल वाले रोजगार की मांग बढ़ेगी, क्योंकि ऑटोमेशन की वजह से नए पद भी सृजित होंगे। हालांकि, सरकार का ध्यान पूरी तरह से रोजगार सृजन तथा यह सुनिश्चित करने पर है कि भारत को विनिर्माण हब बनाया जा सके। सर्वेक्षण में देशभर में 5,089 नियोक्ताओं की राय ली गई। सर्वेक्षण में यह तथ्य सामने आया है कि आगामी तिमाही में नियोक्ता सभी सात उद्योग क्षेत्र में रोजगार वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।