नई दिल्ली। अपनी एफडीआई पॉलिसी तथा ईज ऑफ डूईंग बिजनेस में सुधार और मैक्रोइकोनॉमी में स्थिरता की दम पर भारत दुनिया में सबसे आकर्षक इन्वेस्टमेंट डेस्टीनेशन के रूप में उभर कर सामने आया है। बुधवार को जारी ईवाय के 2015 इंडिया अट्रैक्टिवनेस सर्वे में बताया गया है कि अगले तीन सालों के लिए भारत निवेश के लिहाज से दुनिया के सबसे आकर्षक स्थलों में से एक है। दुनियाभर के 500 सीईओ के बीच किए गए इस सर्वे के मुताबिक एक तिहाई सीईओ ने भारत को निवेश के लिहाज से दुनिया का सबसे आकर्षक देश बताया है। इस मामले में भारत ने चीन, साउथईस्ट एशिया और ब्राजील को पीछे छोड़ दिया है।
सुधारों से सुधरी सूरत
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक साल के दौरान भारत में कई क्षेत्रों में सुधार हुआ है, जिसकी वजह से यह दुनिया में निवेश के लिए एक आकर्षक स्थल बन गया है। निवेशकों के बीच विभिन्न क्षेत्रों जैसे मेक्रौइकोनॉमी स्थिरता (2014 में 70 फीसदी, 2015 में 76 फीसदी), राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता (2014 में 59 फीसदी, 2015 में 74 फीसदी), एफडीआई पॉलिसी को आसान बनाना (2014 में 60 फीसदी, 2015 में 68 फीसदी), ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के लिए सरकार प्रयास (2014 में 57 फीसदी, 2015 में 67 फीसदी) में भरोसा बढ़ा है।
इसके अलावा भारत के निवेश के लिए आकर्षक बनने के पीछे सबसे बड़ी वजह इसका बहुत बड़ा घरेलू बाजार और अन्य देशों की तुलना में सस्ती लेबर उपलब्धता भी है।
सरकारी सुधारों से एफडीआई को मिला सहारा
सर्वे में शामिल कुल 500 निवेशकों में से 89 फीसदी लोगों का कहना है कि इंफ्रास्ट्रक्चर और 100 स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में निवेश महत्वपूर्ण है। 83 फीसदी लोगों का कहना है कि डिजिटल इंडिया सहित वित्तीय समावेशन की योजना और कॉरपोरेट टैक्स को 30 से घटाकर 25 फीसदी करने के प्रस्ताव का भी निवेश बढ़ाने में मददगार है। जीएसटी और भूमि अधिग्रहण कानून भी एफडीआई को आकर्षित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। एफडीआई के मामले में भारत दुनिया की राजधानी बन चुका है, यहां 30.8 अरब डॉलर का एफडीआई आया है। एफडीआई प्रोजेक्ट्स की संख्या भी 37 फीसदी बढ़कर इस साल 680 हो गई है, जबकि इसके विपरीत दुनियाभर में एफडीआई में 3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
मैन्युफैक्चरिंग में सबसे आकर्षक
5 में से तीन निवेशकों ने कहा है कि अगले साल तक भारत में उनकी निवेश करने की योजना है। कुल निवेशकों में से 62 फीसदी लोग मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश करने की योजना बना रहे हैं। इनमें से अधिकांश लोग अपना मौजूदा कारोबार के विस्तार को प्राथमिकता दे रहे हैं, इसके बाद अधिग्रहण और यदि जरूरत पड़ी तो ज्वाइंट वेंचर बनाने की भी संभावना पर विचार करेंगे। 2020 तक मैन्युफैक्चरिंग में दुनिया के तीन पहले देशों की सूची में भारत के पहुंचने की उम्मीद करने वालों की संख्या पिछले साल के 24 फीसदी से बढ़कर 35 फीसदी हो गई है।
निवेशकों को भाया मेक इन इंडिया
पीएम नरेंद्र मोदी का मेक इन इंडिया कार्यक्रम निवेशकों के बीच काफी लोकप्रिय हो चुका है। 55 फीसदी से ज्यादा लोगों ने कहा कि वह इस कार्यक्रम के बारे में जानते हैं। जो लोग इस कार्यक्रम के बारे में जानते हैं उनमें से 70 फीसदी लोगों ने कहा कि वह अगले पांच सालों के दौरान भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग का विस्तार करना चाहते हैं।
टियर 2 व टियर 3 शहर पर भी नजर
एफडीआई के लिए बेंगलुरु, मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, चेन्नई और पुणे आज भी टॉप डेस्टीनेशन बने हुए हैं। ग्लोबल बिजनेस लीडर ने अहमदाबाद, जयपुर, वडोदरा, कोयंबटूर और विशाखापट्नम को एफडीआई के लिए टॉप पांच उभरते शहरों की श्रेणी में रखा है।