नई दिल्ली। उद्योग संगठन इंडियन स्टेनलेस स्टील डेवलपमेंट एसोसिएशन (आईएसएसडीए) ने मंगलवार को कहा कि इंडोनेशिया भारत को पीछे छोड़ 2021 में स्टेनलेस स्टील का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादन बन सकता है। आईएसएसडीए ने एक बयान में यह भी कहा कि इंडोनेशिया का अधिशेष उत्पादन भारतीय बाजार में भेजा जा सकता है। पिछले हफ्ते डिजिटल तरीके से हुए इंटरनेशनल स्टेनलेस स्टील फोरम (आईएसएसएफ) के वार्षिक सम्मेलन में पेश किए गए अनुमानों के मुताबिक इंडोनेशिया कैलेंडर वर्ष 2021 में दुनिया के दूसरे सबसे बड़े स्टेनलेस स्टील उत्पादक तौर पर भारत की जगह ले सकता है।
आईएसएसडीए ने कहा कि इस समय वैश्विक स्टेनलेस स्टील उत्पादन में चौथे स्थान पर मौजूद इंडोनेशिया 42 लाख टन के कुल उत्पादन के साथ जापान और भारत को पीछे छोड़ सकता है। संगठन ने कहा कि इस साल भारत के 35 लाख टन स्टेनलेस स्टील का उत्पादन करने का अनुमान है। पिछले साल यह 32 लाख टन था। आईएसएसडीए ने कहा कि चीनी स्टेनलेस स्टील कंपनियों द्वारा इंडोनेशिया में स्थापित किए गए भारी क्षमताओं वाले संयंत्रों के इस साल काम शुरू करने की उम्मीद है और उसके साथ होने वाला अधिशेष उत्पादन भारतीय बाजारों में भेजा जा सकता है।
संगठन के अध्यक्ष के के पाहुजा ने कहा कि चीनी सरकार ने मई 2021 में निर्यात कर छूट वापस ले ली थी जो चीन से स्टेनलेस स्टील के निर्यात पर रोक लगाता है। चीनी कंपनियां इस वजह से इंडोनेशिया में बड़े संयंत्र स्थापित कर रही हैं।
पिछले छह वर्षो में दुग्ध उत्पादन 6.3 प्रतिशत सालाना की दर से बढा
भारत में दूध उत्पादन पिछले छह वर्षों के दौरान सालाना औसतन 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार को यह जानकारी दी। वह विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर आयोजित ‘ऑनलाइन’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मंत्री ने मवेशी और डेयरी क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार, गोपाल रत्न पुरस्कार शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने उल्लेख किया कि पात्र किसान, डेयरी सहकारी समितियां या एआई तकनीशियन पुरस्कार के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और पुरस्कार के लिए पोर्टल 15 जुलाई 2021 से खुलेगा।
पुरस्कार के लिए विजेताओं की घोषणा 31 अक्टूबर 2021 को की जाएगी। इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि भारत ने वर्ष 2019-20 के दौरान 19.84 करोड़ टन दूध का उत्पादन किया। उन्होंने कहा कि दूध के उत्पादन का मूल्य 2018-19 के दौरान मौजूदा कीमतों पर 7.72 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। यह गेहूं और धान के कुल उत्पादन मूल्य से अधिक है। सिंह ने यह भी उल्लेख किया कि पिछले छह वर्षों के दौरान दुग्ध उत्पादन औसतन 6.3 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से बढ़ा है जबकि विश्व दुग्ध उत्पादन 1.5 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से बढ़ रहा है। प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता वर्ष 2013-14 में प्रति व्यक्ति 307 ग्राम से बढ़कर वर्ष 2019-2020 में प्रति व्यक्ति प्रति दिन 406 ग्राम हो गई है। कार्यक्रम को मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री संजीव कुमार बाल्यान और प्रताप चंद्र सारंगी ने भी संबोधित किया।
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