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अल-नीनो प्रभाव से इस साल भारत में कमजोर रह सकता है मानसून : नोमूरा

वर्ष 2017 में अल-नीनो की स्थिति की वजह से भारत में मानसून को लेकर चिंता जताई जा रही है। नोमूरा की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

Manish Mishra
Published on: March 05, 2017 17:31 IST
अल-नीनो प्रभाव से इस साल भारत में कमजोर रह सकता है मानसून : नोमूरा- India TV Paisa
अल-नीनो प्रभाव से इस साल भारत में कमजोर रह सकता है मानसून : नोमूरा

नई दिल्ली। वर्ष 2017 में अल-नीनो की स्थिति की वजह से भारत में मानसून को लेकर चिंता जताई जा रही है। नोमूरा की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। हालांकि, इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि बारिश और फसल पर इसका प्रभाव सिर्फ इस एक घटनाक्रम पर ही निर्भर नहीं करेगा।

क्‍या है अल-नीनो?

  • अल-नीनो एक मौसम की स्थिति है जिसका भारत के मानसून पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
  • सामान्य मानसून भारत में खेती के लिये काफी महत्वपूर्ण होता है।
  • देश की खेती का बड़ा हिस्सा मानसून की वर्षा पर निर्भर है।

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  • ऑस्ट्रेलिया के मौसम ब्यूरो (ABM) के अनुसार, 2017 में अल-नीनो की स्थिति बनने की संभावना बढ़ी है।
  • ABM द्वारा आठ माडलों पर सर्वे किया गया जिसमें छह से पता चलता है कि जुलाई, 2017 तक अल-नीनो सीमा पर पहुंचा जा सकता है।
  • इससे 2017 में अल-नीनो बनने की संभावना 50 प्रतिशत हो जाती है।

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  • नोमुरा इंडिया की प्रमुख अर्थशास्त्री सोनल वर्मा ने एक शोध पत्र में कहा है, कुल मिलाकर वर्ष 2017 के सामान्य मानसून वर्ष से कमजोर रहने की संभावना, इसके सामान्य मानसून वर्ष से बेहतर रहने के मुकाबले ज्यादा लगती है।
  • हालांकि, वर्षा और खाद्य उत्पादन पर इसके ठीक ठीक प्रभाव का मामला कई अन्य कारकों पर भी निर्भर करेगा।

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