बार्सिलोना। सरकार इस साल जुलाई और दिसंबर के बीच नए स्पेक्ट्रम की नीलामी करेगी। टेलीकॉम सचिव जेएस दीपक ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि केंद्र सरकार विश्व के अन्य देशों के साथ-साथ 5G नेटवर्क अपनाने के दिशा में भी काम रही है।
तीन महीने में इससे संबंधित संबंधित नीति तैयार करने की बात चल रही है। उन्होंने माना कि भारत में 3G और 4G तकनीक अपनाने में अन्य देशों से पीछे रहा है।
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टेलीकॉम सचिव ने कहा
हम नए बैंड लेकर आ रहे हैं जिनका इस्तेमाल 5G सहित अन्य ऐप्लिकेशन के लिए किया जा सकता है। कुछ को 500 Mhz की भी जरूरत हो सकती है। अगर उन्हें इसकी जरूरत नहीं है, तब भी कोई बात नहीं, हम इसे रखेंगे।
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हर साल होगी स्पेक्ट्रम की नीलामी
- मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस में आए टेलीकॉम सचिव जेएस दीपक ने कहा कि हम प्रत्येक वर्ष स्पेक्ट्रम की नीलामी करने पर विचार कर रहे हैं ताकि टेलीकॉम कंपनियां अपनी जरूरत के अनुसार योजना बना सकें।
- अगर उन्हें स्पेक्ट्रम की जरूरत होती है तो वे इसे किसी और से खरीद सकते हैं या नीलामी में हिस्सा ले सकते हैं।
- यह सुनिश्चतता के साथ-साथ नीतिगत स्थिरता भी बहाल करेगा।
- इस साल स्पेक्ट्रम की नीलामी जुलाई और दिसंबर के बीच होगी और स्पेक्ट्रम की बिक्री पर सुझावों के लिए टेलीकॉम विभाग TRAI को लिखेगा।
- TRAI सुझाव देगा कि नया स्पेक्ट्रम बैंड क्या होगा और इसकी कीमतें क्या होंगी।
- जुलाई से पहले ही टेलीकॉम विभाग नीतिगत ढांचा तैयार करेगी कि हाई फ्रिक्वेंसी के साथ-साथ विभिन्न स्पेक्ट्रम बैंक का इस्तेमाल कैसे किया जाए।