नई दिल्ली। स्मार्टफोन ग्रोथ का इकोनॉमिक ग्रोथ से सीधा कनेक्शन है। भारत के टेलीकॉम रेगूलेटर ट्राई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में मोबाइल फोन सब्सक्राइबर्स की संख्या जल्द ही 1 अरब को पार करने वाली है। सामान्य तौर पर यह एक सामान्य खबर है, लेकिन जानकार इसे एक नए दौर के शुरुआत के तौर पर देख रहे हैं। इंटरनेट के बढ़ते उपयोग से कई असरकारी परिणाम होंगे, जिसमें इंटनरेट कॉमर्स का बढ़ना, फाइनेंशियल और हेल्थकेयर सर्विसेस की डिलीवरी के साथ ही साथ ई-गवर्नेंस का विस्तार होना भी शामिल है। इसलिए भारत की 18 माह पुरानी सरकार भी डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के जरिये देश में डिजिटाइजेशन को बढ़ावा दे रही है।
गार्टनर के रिसर्च डायरेक्टर अमरेश नंदन का कहना है कि अगले कुछ सालों में एक अबर मोबाइल सब्सक्राइबर्स में एक बहुत बड़ी संख्या स्मार्टफोन यूजर्स की होगी, जो कि इस क्षेत्र में अगली रोमांचकारी लहर है। इससे डाटा उपयोग में तेजी वृद्धि होगी और मोबाइल के जरिये इंटरनेट का उपयोग सबसे ज्यादा होगा, जिसकी मदद से लाखों भारतीय अपना बिजनेस करेंगे, सोशल नेटवर्किंग पर रहेंगे और गवर्नेंस में भी अपने फोन के जरिये भागीदारी करेंगे।
दुनिया में भारत और चीन केवल ऐसे दो देश हैं, जिनके पास एक अरब से ज्यादा जनसंख्या है। चीन में 2012 में ही एक अरब मोबाइल यूजर्स का आंकड़ा पार कर लिया था। भारत में, यह आंकड़ा पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ा है, जब यहां किफायती मोबाइल हैंडसेट आए और कॉल टैरिफ कम हुए, जो दुनिया में अब सबसे सस्ता है। वोडाफोन इंडिया के डायरेक्टर, रेगूलेटरी, एक्सर्टनल अफेयर्स और सीएसआर, पी बालाजी कहते हैं कि मोबाइल फोन की सर्वव्यापक पहुंच ने अंतिम छोर तक पहुंचने का सबसे अधिक प्रासंगिक चैनल बन गया है। उन्होंने कहा कि यह छोटा सा उपकरण भारतीयों के लिए दुनिया भर की सूचना, शिक्षा, आजीविका, रोजगार और शॉपिंग और कारोबार का एक जरिया बन गया है।
मौजूदा दौर में भारत में 12.5 करोड़ स्मार्टफोन यूजर हैं। चीन और अमेरिका के बाद इस मामले में भारत तीसरे स्थान पर है। हालांकि, यहां विकास के अवसर बहुत अधिक हैं। 2016 में भारत स्मार्टफोन यूजर्स के मामले में अमेरिका को पीछे छोड़ देगा। रिसर्च फर्म ईमार्केटर के मुताबिक भारत में 20 करोड़ स्मार्टफोन यूजर्स होंगे और यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाजार होगा। चीन में 50 करोड़ से ज्यादा स्मार्टफोन यूजर्स हैं।
अभी तक भारतीय टेलीकॉम कंपनियों का एक चौथाई रेवेन्यू डाटा यूसेज से आता है, लेकिन अब इसमें जल्द ही बदलाव आने वाला है। भारतीय टेलीकॉम कंपनियों पर डाटा यूजर्स को नई कीमतों पर पैकेज उपलब्ध कराने का दवाब आएगा। इस साल रिलायंस जियो की 4जी सर्विस लॉन्च होने के बाद भारत में वॉइस टैरिफ और डाटा टैरिफ दोनों में बड़ी कटौती की उम्मीद की जा रही है। लुकअप के संस्थापक और सीईओ दीपक रविंद्रन का कहना है कि भारत में मोबाइल क्रांति अपने शुरुआती दौर में है। अब हर कोई स्मार्टफोन खरीद सकता है और वह इंटरनेट का उपयोग करना चाहता है। लुकअप के लॉन्च होने के छह माह के भीतर ही इसके 12 लाख एक्टिव यूजर्स और 85,000 सेलर्स हैं। स्मार्टफोन और इंटरनेट का बढ़ते उपयोग को देखते हुए रविंद्रन ने इस साल 50 लाख यूजर्स, दस लाख सेलर्स और 15 शहरों में अपनी पहुंच बढ़ाने का लक्ष्य बनाया है।