नई दिल्ली। चीन के कोरोना वायरस की वजह से प्रभावित वैश्विक अर्थव्यवस्था के बीच और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे से पहले भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छी खबर आई है। भारत दुनिया की पांच बड़ी अर्थव्यवस्था में शामिल हो गया है। भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पिछले 25 वर्षों में तेजी से वृद्धि हुई है और कुछ आर्थिक उपायों के चलते फ्रांस और यूके को पछाड़कर भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के अधिकारिक ट्विट के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अक्टूबर 2019 विश्व आर्थिक आउटलुक के आंकड़ों के अनुसार, भारत पिछले साल (2019) दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। गौरतलब है कि जब नाममात्र जीडीपी से रैंक किया गया, तो देश ने फ्रांस और यूके को पीछे छोड़ दिया।
देश की जीडीपी वृद्धि पिछले एक दशक में दुनिया में सबसे अधिक रही, नियमित रूप से 6 से 7 प्रतिशत के बीच वार्षिक वृद्धि रही है। 2016 के मैकिन्से ग्लोबल इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार, शहरीकरण और प्रौद्योगिकियों और उत्पादकता में सुधार करने वाले कई कारकों के कारण इसमें तेजी से वृद्धि हुई है।
हालांकि, भारत की वास्तविक जीडीपी, मुद्रास्फीति पर निर्भर करती है जो आगे आने वाले वर्षों में क्रेडिट कमजोरियों के कारण धीमी रह सकती है। गौरतलब है कि 2010 तक भारत 9वें स्थान पर था, ब्राजील और इटली जैसे देशों से भी पीछे था लेकिन पिछले 25 वर्षों में भारत का उदय हुआ। 1995 के बाद से, देश की नाम मात्र जीडीपी 700 प्रतिशत से अधिक ऊपर गई है।
आगे हैं चुनौतियां
अपनी मजबूत आर्थिक वृद्धि के बावजूद, देश अभी भी चुनौतियों का सामना कर रहा है। विश्व बैंक का कहना है कि भौगोलिक स्थिति के अनुसार विकास और नए अवसरों तक पहुंच असमान है। इसके अलावा, भारत दुनिया के गरीबों के एक चौथाई के लिए घर बना हुआ है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, इसके 39 प्रतिशत ग्रामीण निवासी स्वच्छता सुविधाओं और लगभग आधी आबादी अभी भी खुले में शौच करती है फिर भी, महत्वपूर्ण प्रगति की है। गरीबी में कमी की दर दुनिया में सबसे अधिक है। विश्व बैंक के अनुसार, देश सामाजिक सुरक्षा और बुनियादी ढांचे के विकास के बारे में अपनी नीतियों को समायोजित करते हुए अपने भविष्य के विकास को और अधिक टिकाऊ और समावेशी बनाने के लिए उपाय कर रहा है।