नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के बीच तेल, गैस एवं बैंकिंग क्षेत्र में संबंधों को व्यापक बनाने जैसे मुद्दों पर सार्थक बातचीत हुई। इसके बाद दोनों पक्षों ने 9 समझौतों पर हस्ताक्षर किए जिनमें चाबहार बंदरगाह के पहले हिस्से का 18 माह के लिए परिचालन नियंत्रण भारत को दिए जाने का समझौता भी शामिल है। दोनों नेताओं ने करीब दो घंटे चली विस्तृत बातचीत के दौरान क्षेत्रीय हालात पर भी चर्चा की और दोनों ने शांतिपूर्ण, स्थिर, संपन्न तथा बहुलतावादी अफगानिस्तान की जरूरत पर जोर दिया।
दोनों देश एक-दूसरे के नागरिकों को ई-वीजा सुविधा मुहैया कराने पर भी सहमत हुए। दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत में कुलभूषण जाधव का मुद्दा उठने के बाबत पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि इस पर चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर पर चर्चा होने के बारे में संकेत देते हुए कहा कि ईरान ने इस बात को समझा कि भारत किस प्रकार आतंकवाद से पीड़ित रहा है।
इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के दौरे के करीब एक महीने बाद ईरानी राष्ट्रपति के दौरे को भारत द्वारा संतुलन बनाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। रूहानी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि दोनों देश आतंकवाद मुक्त दुनिया का सपना देखते हैं और वे आतंकवाद, चरमपंथ, मादक पदार्थों की तस्करी, साइबर अपराध तथा अन्य अंतरराष्ट्रीय अपराधों को बढ़ाने वाली ताकतों के विस्तार को रोकने को प्रतिबद्ध हैं।
रूहानी ने कहा कि हम आतंकवाद एवं चरमपंथ से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय संघर्षों को राजनयिक व राजनीतिक पहलों के जरिए ही सुलझाया जाना चाहिए लेकिन उन्होंने किसी विशेष क्षेत्रीय विवाद का जिक्र नहीं किया। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने कई मुद्दों पर चर्चा की और किसी भी मुद्दे पर असहमति नहीं हुई।
दोनों पक्षों ने 9 समझौतों पर दस्तखत किए जिसमें दोहरे कराधान से जुड़ा एक समझौता भी शामिल है। ईरान के पोर्ट एंड मेरीटाइम आर्गेनाइजेशन तथा इंडिया पोर्टस ग्लोबल लिमिटेड के बीच चाबहार स्थित शाहिद बेहशती पोर्ट के 18 महीने के लिए परिचालन का अनुबंध किया गया।
अन्य समझौतों में दोहरे कराधान से बचाव तथा वित्तीय चोरी रोकने का समझौता शामिल है। इसी तरह दोनों पक्षों ने राजनयिक पासपोर्ट धारकों को वीजा अनिवार्यता से छूट देने तथा व्यापार बेहतरी के लिए विशेषज्ञ समूह बनाने का भी एक समझौता किया है।
अधिकारियों का कहना है कि रूहानी की इस यात्रा के दौरान इन 9 समझौतों के अलावा दोनों देशों के बीच 4 और समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं।
मोदी ने कहा कि ईरानी राष्ट्रपति की यात्रा दिखाती है कि दोनों देश कैसे संपर्क सहित प्रमुख क्षेत्रों में अपने सहयोग को मजबूत बनाना चाहते हैं। उन्होंने चाबहार बंदरगाह की महत्ता को भी रेखांकित किया और कहा कि इससे अफगानिस्तान व मध्य एशिया तक बेहतर पहुंच में मदद मिलेगी।
पीएम मोदी ने रणनीतिक तौर पर अहम चाबहार पोर्ट को विकसित करने में प्रदर्शित किए गए नेतृत्व के लिए रूहानी की तारीफ भी की। रूहानी ने कहा कि हमने प्राकृतिक गैस व पेट्रोकेमिकल क्षेत्र में सहयोग का विस्तार करने का फैसला किया है। इससे पहले, राष्ट्रपति भवन में रूहानी का स्वागत किया गया। शनिवार की सुबह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रूहानी से मुलाकात की और उनसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।