नई दिल्ली। भारत ने एल्यूमीनियम फॉयल की डंपिग के बारे में घरेलू विनिर्माताओं की शिकायत मिलने के बाद चीन, इंडोनेशिया, मलेशिया और थाइलैंड से आने वाले एल्यूमीनियम फॉयल की कथित डंपिग के खिलाफ जांच शुरू की है। हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, रविराज फॉयल्स और जिंदल इंडिया ने वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) के समक्ष आवेदन कर इन देशों से आने वाले एल्यूमीनियम फॉयल के खिलाफ डंपिंग जांच का आग्रह किया था।
घरेलू कंपनियों ने इन चार देशों से भारत में आयात किए जाने वाले 80 माइक्रोन और उससे कम दर्जे के एल्यूमीनियम फॉयल के आयात की डंपिंग किए जाने की शिकायत की है। कंपनियों का आरोप है कि इन देशों से होने वाली डंपिंग के कारण घरेलू उद्योगों को नुकसान हो रहा है। इसलिए इस आयात पर डंपिंग- रोधी शुल्क लगाया जाना चाहिए।
डीजीटीआर ने एक अधिसूचना में कहा है कि आवेदकों द्वारा दिए गए सबूतों के आधार पर प्राधिकरण, इसके जरिये, जांच की शुरुआत करता है। जांच के दौरान यदि डीजीटीआर को यह पता चलता है कि संबंधित उत्पाद की डंपिंग की जा रही है और इससे घरेलू विनिर्माताओं पर प्रभाव पड़ रहा है तब ऐसी स्थिति में वह डंपिंग-रोधी शुल्क की सिफारिश करेगा। डीजीटीआर डंपिंग रोधी शुल्क की सिफारिश करता है और वित्त मंत्रालय इसे लगाता है।