नई दिल्ली। भारत ने दक्षिण कोरिया से आयात किए जाने वाले फॉस्फोरिक एसिड पर पांच साल के लिए डंपिंगरोधी शुल्क लगाने का फैसला किया है। घरेलू विनिर्माताओं को सस्ते आयात से संरक्षण को यह कदम उठाया गया है।
वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने अपनी जांच में निष्कर्ष दिया था कि कोरिया से सभी ग्रेड के फॉस्फोरिक एसिड (कृषि या उर्वरक ग्रेड छोड़कर) की डंपिंग से घरेलू उद्योग प्रभावित हो रहा है।
राजस्व विभाग की अधिसूचना में कहा गया है कि इस अधिसूचना के तहत पांच साल के लिए इस पर 137 डॉलर प्रति टन का डंपिंगरोधी शुल्क लगाया जाएगा। यह शुल्क इस अधिसूचना के प्रकाशन के दिन से लागू होगा और इसका भुगतान भारतीय मुद्रा में करना होगा।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार की भाषा में जब कोई देश किसी उत्पाद का निर्यात उस उस देश के घरेलू बाजार के मूल्य से कम कीमत पर करता है, तो डंपिंग की स्थिति बनती है। आयात करने वाले देश में इससे संबंधित उत्पाद की कीमत प्रभावित होती है और विनिर्माण कंपनियों के मार्जिन और मुनाफे पर असर पड़ता है।