नयी दिल्ली। भारत ने मलेशिया से आयातित इलेक्ट्रॉनिक कैलकुलेटर पर पांच साल के लिए डंपिंग रोधी शुल्क लगा दिया है। यह कदम घरेलू कंपनियों को सस्ते आयात से संरक्षण देने के लिए उठाया गया है। वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने जांच के बाद मलेशिया से आयातित कैलकुलेटरों पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश की है। बता दें कि राजस्व विभाग ने 29 मई को चीन से आयातित कैलकुलेटर पर पहले ही डंपिंग रोधी शुल्क 5 साल के लिए लगा दिया गया है।
राजस्व विभाग की अधिसूचना में कहा गया है कि कैलकुलेटर पर 0.92 डॉलर प्रति इकाई का डंपिंग रोधी शुल्क लगाया गया है। यह पांच साल तक लागू रहेगा। डीजीटीआर ने अपनी जांच में पाया कि मलेशिया से कैलकुलेटर का आयात सामान्य कीमत से कम पर हो रहा है। इससे घरेलू उद्योग को नुकसान हो रहा है और यह डंपिंग का मामला बनता है। डीजीटीआर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश करता है। इस पर अंतिम फैसला वित्त मंत्रालय लेता है।
अजंता एलएलपी ने मलेशिया से आयातित कैलकुलेटर पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने को आवेदन किया था। दोनों देशों के बीच 2018-19 में द्विपक्षीय व्यापार बढ़कर 17.25 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 14.71 अरब डॉलर था।
चीन से सबसे ज्यादा आयात होते हैं इलेक्ट्रॉनिक कैलकुलेटर
भारत में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक कैलकुलेटर चीन से आयात होते हैं। कैलेंडर वर्ष 2019 में चीन से 63.3 मिलियन डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक कैलकुलेटर आयात हुए थे। इसके बाद हॉन्गकॉन्ग (47 मिलियन डॉलर) और सिंगापुर (44 मिलियन डॉलर) का नंबर आता है। 2019 में मलेशिया से 1 मिलियन डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक कैलकुलेटर आयात हुए थे। हालांकि, 2018 में यह आंकड़ा 3 मिलियन डॉलर का था। मौजूदा समय में भारत ने चीन से आयात होने वाले इलेक्ट्रॉनिक कैलकुलेटर पर भी एंटी डंपिंग ड्यूटी लगा रखी है।