नई दिल्ली। सरकार का अनुमान है कि कोरोना संकट की वजह से इस वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था 7.7 फीसदी गिर सकती है। राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय ने आज जीडीपी को लेकर पहले अग्रिम अनुमान जारी किए हैं। इन अनुमानों के मुताबिक सबसे ज्यादा नुकसान सर्विस सेक्टर में देखने को मिलेगा वहीं कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन सबसे बेहतर रह सकता है।
आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 में ग्रॉस वैल्यू एडेड में 7.2 फीसदी की गिरावट का अनुमान है, एक साल पहले इसमें 3.9 फीसदी की बढ़त थी। एनएसओ के अनुमान के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र में 3.4 फीसदी की बढ़त देखने को मिल सकती है। वहीं खनन क्षेत्र में वित्त वर्ष के दौरान 12.4 फीसदी की गिरावट संभव है। पिछले वित्त वर्ष में खनन क्षेत्र में 3.1 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई थी। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में इस दौरान 9.4 फीसदी की गिरावट संभव है। कंस्ट्रक्शन सेक्टर में इस वित्त वर्ष में 12.6 फीसदी की गिरावट संभव है पिछले वित्त वर्ष में इसमें 1.3 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई थी। इलेक्ट्रिसिटी में 2.7 फीसदी की बढ़त का अनुमान है। दूसरी तरफ सर्विस सेक्टर में ट्रेड, होटल और ट्रांसपोर्ट में 21.4 फीसदी की तेज गिरावट आ सकती है। फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर में 0.8 फीसदी और पब्लिक सर्विसेज में 3.7 फीसदी की गिरावट आने का अनुमान है।
कोरोना संकट की वजह से जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 23.9 फीसदी की दर से गिरी थी। वहीं सितंबर तिमाही में अर्थव्यवस्था में 7.5 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई। सितंबर तिमाही की गिरावट अनुमानों से कम रही थी, इस दौरान कई संस्थानों ने 8 से 10 फीसदी तक की गिरावट का अनुमान दिया था। पिछले महीने ही रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था में 7.5 फीसदी का अनुमान दिया है, दो महीने पहले बैंक ने गिरावट का अनुमान 9.5 फीसदी दिया था। वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक दोनो ही कह चुके हैं कि अर्थव्यवस्था में तेज रिकवरी शुरू हो चुकी है और चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था एक बार फिर बढ़त दर्ज कर सकती है।