नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन के बाद देश में आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार कुछ सुस्त पड़ी है। मॉर्गन स्टेनली की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में वृद्धि को लेकर संभावनाएं मजबूत हैं और जीएसटी की वजह से आई अड़चनों का असर कम होने के बाद देश की वृद्धि रफ्तार पकड़ेगी। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहेगी।
चालू वित्त वर्ष की पहली (अप्रैल-जून) तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर घटकर तीन साल के निचले स्तर 5.7 प्रतिशत पर आ गई है। विनिर्माण गतिविधियों में सुस्ती के बीच जीएसटी को लेकर असमंजस से वृद्धि दर प्रभावित हुई है। मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में कहा गया है कि हम इसे कुल मांग में गिरावट के रूप में नहीं देखते।
हमारा मानना है कि भारत की वृद्धि की संभावनाएं मजबूत हैं। हालांकि पहली तिमाही में जीडीपी में गिरावट के मद्देनजर मॉर्गन स्टेनली ने पूरे साल के वृद्धि दर के अनुमान में कुछ समायोजन किया है। रिपोर्ट में कहा गया है, हमारा मानना है कि जून, 2017 की तिमाही थोड़ी मुश्किल रही है। मार्च, 2018 को समाप्त तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत के आसपास रहेगी।