नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था में कोरोना की वजह अब तक की सबसे तेज तिमाही गिरावट देखने को मिली है। आज जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक जून में खत्म हुई तिमाही के दौरान जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। इसके साथ ही जीवीए यानि ग्रॉस वैल्यू एडेड में 22.8 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है। जीडीपी में ये गिरावट अब तक किसी तिमाही में दर्ज हुई सबसे तेज गिरावट है। कॉन्सटेंट प्राइस (2011-12) के आधार पर 2020-21 के पहली तिमाही में GDP 26.9 लाख करोड़ रुपये रहा है। 2019-20 की पहली तिमाही में ये आंकड़ा 35.35 लाख करोड़ रुपये रहा था। यानि इसमें 23.9 फीसदी की गिरावट रही है। इससे पिछले 3 तिमाही से जीडीपी ग्रोथ 5 फीसदी से नीचे बनी हुई है।
NSO द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक पहली तिमाही के दौरान इंडस्ट्री में 38.1 फीसदी, सर्विस सेक्टर में 20.6 फीसदी, मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में 39.3 फीसदी ट्रेड और होटल में 47 फीसदी की गिरावट रही है। वहीं एग्री सेक्टर में 3.4 फीसदी की बढ़त रही।
इसी तिमाही के दौरान कारोबारी गतिविधियों पर कोरोना संकट का सबसे गहरा असर देखने को मिला था, जिसका असर आंकड़ों के रूप में अब सबके सामने है। तिमाही के दौरान कई सेक्टर में लगभग शून्य गतिविधियां देखने को मिली। वहीं इस दौरान कृषि को छोड़कर कोई भी सेक्टर ऐसा नहीं रहा जिसमें कारोबारी गतिविधियां महामारी के पहले के स्तर के करीब भी पहुंच सकीं हों।
जीडीपी में गिरावट आना अप्रत्याशित नहीं है, सरकार से लेकर विदेशी संस्थान तक पहले से ही जीडीपी में तेज गिरावट का अनुमान दे चुके थे, हालांकि ये गिरावट कितनी होगी इसपर अनुमान अलग अलग थे। रिजर्व बैंक ने गिरावट का अनुमान दिया था, हालांकि गिरावट कितनी होगी इसका अनुमान नहीं दिया था। वहीं देश के निजी वित्तीय संस्थानों से लेकर विदेशी एक्सपर्ट्स ने जून तिमाही के लिए जो अनुमान दिये वो 12 फीसदी से लेकर 40 फीसदी तक की गिरावट के दायरे में थे।
पिछले साल की इसी तिमाही में जीडीपी में 5.2 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई थी। जो कि उस समय 6 साल के निचले स्तर पर थी। वहीं पिछली यानि मार्च तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में 3.1 फीसदी की बढ़त देखने को मिली थी, जो कि पिछले 8 सालों में सबसे कम रही। साल 2019-20 में जीडीपी ग्रोथ 4.2 फीसदी के स्तर पर थी। वहीं साल 2018-19 में जीडीपी ग्रोथ 6.1 फीसदी के स्तर पर थी। यानि पिछले कुछ समय में भारतीय अर्थव्यवस्था पर दबाव बना हुआ है। जो कि कोरोना संकट के साथ और बढ़ता जा रहा है। जीडीपी के आंकड़ों में कृषि, मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रिसिटी, गैस सप्लाई, खनन, कंस्ट्रक्शन, ट्रेड और कम्युनिकेशन, इंश्योरेंस, बिजनेस सर्विस, फाइनेंस और सार्वजनिक सेवाओं को शामिल किया जाता है।