नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक बार फिर से भरोसा जताया है। सोमवार को संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट में कहा कि जबर्दस्त निजी उपभोग, सार्वजनिक निवेश और संरचनात्मक सुधारों के कारण 2018 में भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत होगी जबकि 2019 में यह बढ़ कर 7.4 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। ‘वर्ल्ड इकोनोमिक सिचुएशन एंड प्रोस्पेक्ट 2018’ रिपोर्ट जारी करते हुये संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (यूएन डीईएसए) ने कहा है कि कुल मिलाकर दक्षिण एशिया के लिए आर्थिक परिदृश्य बहुत अनुकूल नजर आ रहा है और उल्लेखनीय मध्यम अवधि की चुनौतियों के बावजूद अल्पावधि के लिए स्थिर है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी खपत और व्यापक आर्थिक नीतियों से मजबूती मिलने के कारण दक्षिण एशिया में आर्थिक परिदृश्य अब भी बहुत स्थिर और अनुकूल है। चालू वित्तवर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही के दौरान देश में GDP की ग्रोथ 6.3 फीसदी दर्ज की गई है। संयुक्त राष्ट्र से पहले रेटिंग एजेंसी मूडीस और ब्रोकिंग हाउस गोल्डमैन सॉक्स ने भी भारत की अर्थव्यवस्था में मजबूती आने की संभावना जताई है।