वाशिंगटन: भारत में कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति को ‘‘काफी मुश्किल’’ बताते हुये विश्वबैंक के अध्यक्ष डेविड मालपास ने मंगलवार को कहा कि महामारी की दूसरी लहर से गहरी चोट खाने से पहले भारत ने कोविड- 19 से मुकाबले में अच्छी प्रगति कर ली थी। भारत ने अप्रैल और मई माह के दौरान कोरोना वायरस की खतरनाक दूसरी लहर से मुकाबला किया।
इस दौरान रोजाना तीन लाख से अधिक नये मामले सामने आ रहे थे। अस्पतालों में बिस्तरे उपलब्ध नहीं थे। चिकित्सा आक्सजीन की भी कमी हो गई थी। एक समय मध्य मई में कोरोना वायरस के नये मामले चार लाख के भी पार निकल गये थे। मालपास ने वैश्विक आर्थिक संभावना पर ताजा रिपोर्ट जारी करने के अवसर पर संवाददाताओं के साथ कन्फ्रेंस कॉल में ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह भारत के लिये बहुत कठिन स्थिति है। भारत ने कोविड के खिलाफ लड़ाई में प्रगति हासिल की थी और उसके बाद उसे बहुत बहुत बड़ी दूसरी लहर का सामाना करना पड़ा जिसकी वजह से कई मौतें हुई और फिर से लॉकडाउन लगाना पड़ा, जिससे अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है।’’ एक सवाल के जवाब में मालपास ने कहा, ‘‘हम जान जाने पर शोक प्रकट करते हैं। भारत को गहरी चोट पहुंची है। जहां तक अर्थव्यवसथा को फिर से पटरी पर लाने की बात है, भारत के पास उसकी खुद की बड़ी टीका उत्पादन क्षमता है, उसका खुद का उत्पादन है। उसे तेजी से उपलब्ध कराया जा रहा है। उसका नये मामलों की संख्या पर प्रभाव पड़ेगा और मुझे लगता है इसका सकारात्मक असर दिखने लगा है।’’
विश्वबैंक संभावना समूह के निदेशक अयान कोसे ने कहा कि रिपोर्ट में 2021 में भारत की वृद्धि दर 8.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। हमारे जनवरी के अनुमान के मुकाबले वास्तव में यह (2.9 प्रतिशत) बेहतर हुआ है। उन्होंने कहा कि कोविड- 19 की बड़ी लहर से पहले भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार काफी मजबूत था।