नयी दिल्ली: भारत सेवा क्षेत्र के लिए मानदंड बना रहा है। इससे देश बाकी दुनिया को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं की पेशकश कर सकेगा। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत स्वास्थ्य सेवा, होम डिलिवरी, दूरसंचार और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रहा है। मंत्री ने आईएसीसी-एनआईसी के दूसरे भारत-अमेरिका सेवा शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारत में हम सेवाओं के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए मानक बना रहे हैं जिससे हम बाकी दुनिया को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं की पेशकश कर सकेंगे। चाहे वह वित्तीय प्रौद्योगिकी हो, शिक्षा प्रौद्योगिकी हो या टेलीमेडिसिन, भारत तेजी से दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल बाजार बनने की ओर अग्रसर है।’’
विधि सेवाओं के बारे में गोयल ने कहा कि भारतीय अधिवक्ता शीर्षस्तर के हैं और दुनियाभर में उनके लिए काफी अवसर उभर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करेंगे कि निचली अदालतों तथा कानूनी पेशे के वृहद पारस्थितिकी तंत्र में हम वकीलों को पर्याप्त रक्षोपाय उपलब्ध करा सकेंगे। हम आप लोगों (विशेषज्ञों) के साथ संपर्क में रहेंगे। मुझे लगता है कि हमने पहले ही इस विषय की व्यापक समीक्षा के लिए विधि मंत्रालय के अधीनस्थ एक समिति का गठन कर दिया है।’’
गोयल ने कहा कि अमेरिका नवोन्मेषण, प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और गुणवत्ता वाली शिक्षा का केंद्र है। वहीं भारत में प्रतिस्पर्धी मूल्य पर कुशल और मेधावी श्रमबल उपलब्ध है। भारत से वैश्विक स्तर पर सेवाओं का निर्यात 2001-02 में 17 अरब डॉलर था, जो 2020-21 में बढ़कर 205 अरब डॉलर हो गया।