नई दिल्ली। दिवाली से ठीक पहले देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर आई है, देश का विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 6 नवंबर को समाप्त हफ्ते के दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 568.49 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, एक हफ्ते के दौरान इसमें 7.77 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है।
कोरोना काल में अर्थव्यवस्था में कमजोरी देखने को मिली है लेकिन देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार बढ़ा है जो अर्थव्यवस्था को लेकर आगे चलकर मददगार साबित हो सकता है। साल 2020 के दौरान देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 111 अरब डॉलर की जोरदार बढ़ोतरी हुई है। 2019 के अंत में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 457 अरब डॉलर होता था।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 147 अरब डॉलर बढ़ा है और मोदी सरकार के दो कार्यकाल में के लगभग साढ़े 6 वर्ष में इसमें 256 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। मई 2019 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 421 अरब डॉलर होता था और मई 2014 यह 312 अरब डॉलर था। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के 10 वर्ष के कार्यकाल में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 119 अरब डॉलर बढ़ा है।
दरअसल विदेशी मुद्रा यानि डॉलर का सबसे ज्यादा खर्च कच्चे तेल तथा सोने के आयात पर खर्च होता है लेकिन मोदी सरकार के कार्यकाल में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें काफी निचले स्तर पर रही हैं और विदेशों से कच्चा तेल आयात करने के लिए पहले के मुकाबले कम डॉलर का खर्च आ रहा है। इसके अलावा सोने का आयात भी अब देश में काफी कम हुआ है और उसपर भी डॉलर खर्च घटा है। यही वजह है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से बढ़ रहा है।