नई दिल्ली। भारतीय कंपनियों की ओर से विदेशों में किया गया प्रत्यक्ष निवेश यानी ओडीआई अप्रैल में 62 प्रतिशत घटकर 97.61 करोड़ डॉलर रह गया। रिजर्व बैंक के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के चलते भारतीय कंपनियों के ओडीआई में गिरावट आई है। अप्रैल, 2019 में भारतीय कंपनियों ने अपने ज्वाइंट वेंचर-पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी में 2.56 अरब डॉलर का निवेश किया था। मार्च, 2020 में भारतीय कंपनियों ने अपने विदेशी कारोबार में 2.70 अरब डॉलर का निवेश किया था। आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय कंपनियों द्वारा अप्रैल में किए गए विदेशी निवेश में से 58.64 करोड़ डॉलर कर्ज के रूप में, 23.08 करोड़ डॉलर इक्विटी के रूप में और 15.89 करोड़ डॉलर गारंटी के रूप में निवेश किए गए।
दुनिया भर में कोरोना महामारी का असर देखने को मिल रहा है। कई देश लॉकडाउन को खत्म कर कारोबारी गतिविधियां शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि महामारी को लेकर सतर्कता और सुरक्षा की वजह से अनुमान लगाया रहा है कि पूरी कोशिशों के बावजूद कारोबार का एक सीमित हिस्सा ही खुल सकेगा। और फिलहाल कुछ समय तक कंपनियां अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगी। इसी वजह से कंपनियों ने अपना पास स्थित फंड को बचाने पर फोकस करना शुरू कर दिया है और बेहद जरूरी निवेश को छोड़कर वो किसी अन्य तरह के निवेश से बच रही हैं।