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भारत एकीकृत कंपनियों का समर्थन करता है पर एकाधिकार के खिलाफ : प्रधान

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत सरकारी क्षेत्र में एकीकृत कंपनियों के गठन का समर्थक है लेकिन सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि इससे किसी एक इकाई का एकाधिकार न हो।

Manish Mishra
Updated : March 07, 2017 11:36 IST
भारत एकीकृत कंपनियों का समर्थन करता है पर एकाधिकार के खिलाफ : प्रधान
भारत एकीकृत कंपनियों का समर्थन करता है पर एकाधिकार के खिलाफ : प्रधान

ह्यूस्टन। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत सार्वजनिक क्षेत्र में एकीकृत कंपनियों के गठन का समर्थन करता है। लेकिन सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि इस कदम से किसी एक इकाई का एकाधिकार नहीं हो जाए।

प्रधान ने सीईआरए वीक सम्मेलन के दौरान अलग से बातचीत में कहा कि हमारे यहां कई कंपनियां हैं। अब भारत में जिस प्रकार का मजबूत बाजार उभर रहा है, उसको देखते हुए हम एकीकृत कंपनियां चाहते हैं। निश्चित तौर पर मैं एक चीज के लिए आश्वस्त कर सकता हूं कि एक से अधिक इकाइयां होंगी।

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  • एक सप्ताह चलने वाले सम्मेलन में तेल एवं प्राकृतिक गैस उद्योग से जुड़े दिग्गज और प्रमुख तेल उत्पादक एवं उपभोक्ता देशों के मंत्री भाग ले रहे हैं।
  • प्रधान ONGC, IOC तथा GAIL जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के विलय के बारे में रिपोर्ट पर पूछे गए सवालों के जवाब दे रहे थे।
  • केंद्र सरकार ने बजट में कंपनियों के विलय और एक इकाई गठित करने की घोषणा की है।
  • हालांकि, प्रधान ने सार्वजनिक क्षेत्र की इन बड़ी इकाइयों के विलय के बारे में सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा।
  • पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री ने कहा, सरकार ने केवल दिशानिर्देश दिया है।
  • अब इन कंपनियों को आगे के रास्ते के बारे में निर्णय करना है।

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उन्होंने कहा कि हम खोज एवं उत्पाद से लेकर रिफाइनिंग क्षेत्र में एकीकृत कंपनी सृजित करना चाहते हैं। इसमें कुछ मध्यम स्तर की और कुछ बड़ी कंपनियां होंगी। प्रधान ने कहा कि सरकार उभरते उर्जा बाजार में ज्यादा समन्वय के लिये कुछ खंड सृजित करना चाहती है।

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