नई दिल्ली। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग डीआईपीपी में सचिव रमेश अभिषेक ने कहा कि कुशल श्रम बल की उपलब्धता व टिकाउ सरकार जैसे कई मानकों पर भारत विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिहाज से समकक्ष देशों से आगे बना हुआ है। विभाग के बयान के अनुसार सचिव ने कहा कि इस लिहाज से प्रभावी नियामकीय ढांचा अपरिहार्य है।
इसके अनुसार,निवेश निर्णयों को भी मेजबान देश के आर्थिक निष्पादन, कुशल श्रमबल की उपलब्धता, आकर्षक उपभोक्ता बाजार और विशेष रूप से स्थिर व निर्णयकारी राजनीतिक प्रतिष्ठान के लिहाज से व्यापक परिदृश्य में देखे जाने की जरूरत है। सचिव के अनुसार उक्त सब मानकों पर भारत आगे है ओर विदेशी निवेश के लिए महत्वपूर्ण गंतव्य के रूप में सामने आता है।
मौद्रिक नीति समीक्षा में तरलता प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित रख सकता है रिजर्व बैंक: एचएसबीसी
वित्त वर्ष 2017-18 की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों की यथास्थिति को बरकरार रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक बैंकिंग क्षेत्र में नकदी की बाढ़ के प्रबंधन के उपायों की घोषणा कर सकता है। इस समय बाजार में 4,000 अरब रुपए की नकदी पटी है।
अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा देने वाली कंपनी एचएसबीसी ने एक नोट में कहा, बाजार में करीब 4,000 अरब रुपए की नकदी घूम रही है। नीति समीक्षा के दिन रिजर्व बैंक ऐसे मिश्रित कदमों को उठाने की घोषणा कर सकता है जो बाजार से अधिक तरलता को सोखने का काम करे।