वाशिंगटन। भारत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की कोटा संरचना को बढ़ाने में समर्थन की कमी को लेकर शनिवार को निराशा जाहिर की। आईएमएफ कोटा उसके कोष का मुख्य स्रोत है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आईएमएफ की सालाना बैठक को संबोधित करते हुए कहा, 'भारत कोटा की 15वीं आम समीक्षा के तहत कोटा बढ़ाने के मसले पर पर्याप्त समर्थन नहीं मिल पाने को निराशाजनक मानता है।'
उन्होंने कहा, 'हालांकि हम इसे तात्कालिक झटका मानते हैं। हमें उम्मीद है कि समीक्षा के अगले दौर की चर्चा में कोटा बढ़ाने के संबंध में सफलता मिल जाएगी।' कोटा का वितरण एक चार सूत्रीय विधि से किया जाता है। इसमें सदस्य देश की जीडीपी, आर्थिक खुलापन, आर्थिक विविधता और अंतरराष्ट्रीय भंडार पर गौर किया जाता है। उल्लेखनीय है कि आईएमएफ में भारत का कोटा 2.76 प्रतिशत और चीन का कोटा 6.41 प्रतिशत है। अमेरिका का कोटा सर्वाधिक 17.46 प्रतिशत है जिसे कारण उसके पास मताधिकार की 16.52 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
'अमेरिका के साथ पूरी गति में चल रही व्यापार वार्ता'
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता को लेकर पूरी गति से बातचीत चल रही है। उन्होंने जल्दी ही समझौता हो जाने की उम्मीद जाहिर की। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के मुख्यालय में सीतारमण की अमेरिका के वित्त मंत्री स्टीवन म्यूचिन के साथ हुई मुलाकात में व्यापार सौदे को लेकर संक्षिप्त चर्चा हुई। म्यूचिन अगले महीने की शुरुआत में भारत की यात्रा करने वाले हैं।
सीतारमण ने शनिवार को कहा, 'वास्तव में मैंने वित्त मंत्री म्यूचिन के समक्ष इसका जिक्र किया, लेकिन इस मुद्दे पर भारत के वाणिज्य मंत्री और अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर चर्चा कर रहे हैं। मुझे जो जानकारी मिली है, वह यह कि वार्ता पूरी गति से चल रही है और उम्मीद है कि जल्दी ही समझौता हो जाएगा।' उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि अमेरिका के साथ सर्वाधिकार अनुबंध हमेशा वरीयता में रहा है।