नयी दिल्ली: चीनी मिलों ने सितंबर में समाप्त होने वाले चालू 2020-21 विपणन वर्ष में अब तक 47.5 लाख टन चीनी का निर्यात किया है, जिसमें सर्वाधिक निर्यात इंडोनेशिया को किया गया है। व्यापार निकाय एआईएसटीए ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है। अखिल भारतीय चीनी व्यापार संघ (एआईएसटीए) ने एक बयान में कहा कि इस साल जनवरी में खाद्य मंत्रालय द्वारा आवंटित 60 लाख टन कोटा के मुकाबले अब तक चीनी मिलों ने 59 लाख टन चीनी निर्यात करने का अनुबंध किया है।
इसके अतिरिक्त 4,30,000 टन चीनी को बिना सब्सिडी समर्थन के ओजीएल (ओपन जनरल लाइसेंस) रूट के तहत निर्यात के लिए अनुबंधित किया गया है। इसके अलावा, ईरान को चीनी का निर्यात कम मात्रा में शुरू हो गया है। जून महीने में लगभग 6,982 टन ईरान भेजा गया था। चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है। एआईएसटीए के अनुसार, चीनी मिलों ने एक जनवरी से छह जुलाई 2021 तक कुल 47.5 लाख टन चीनी का निर्यात किया है।
अब तक किए गए कुल निर्यात में से इस साल अब तक इंडोनेशिया को 15.8 लाख टन का अधिकतम निर्यात किया गया है, इसके बाद अफगानिस्तान में 5,82,776 टन और संयुक्त अरब अमीरात(यूएई) में 4,47,097 टन तथा श्रीलंका में 3,63,972 टन चीनी का निर्यात किया गया है। इसमें कहा गया है कि लगभग 2,73,365 टन चीनी का लदान चल रहा है। इसके अतिरिक्त 6,48,993 टन चीनी रास्ते में है जिसे बंदरगाह स्थित रिफाइनरियों को सुपुर्द किया जाना है।
एआईएसटीए ने कहा कि उसे चालू सत्र में ईरान को चीनी के निर्यात में कोई खास बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है, क्योंकि उन्हें कच्ची चीनी की जरूरत है। इसमें कहा गया है, 'हम इस समय उन्हें कच्ची चीनी की आपूर्ति करने की स्थिति में नहीं हैं, क्योंकि मौजूदा सत्र समाप्त हो गया है।' एआईएसटीए के अध्यक्ष प्रफुल्ल विठलानी के अनुसार, ‘‘भारत का कुल निर्यात 67 लाख टन को पार करने की उम्मीद है। जिसमें से 7,00,000 टन ओजीएल (ओपन जनरल लाइसेंस) रूट के तहत होगा।’’
उन्होंने कहा कि घरेलू चीनी बाजार के स्थिर बने रहने की संभावना है। वर्ष 2021-2022 के नए सत्र के लिए चीनी का शुरुआती स्टॉक 90 से 95 लाख टन के दायरे में रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘चीनी उत्पादन 2020-2021 सत्र के स्तर से अधिक होने की संभावना है। इसलिए, अगले सत्र में भी निर्यात जारी रहेगा।’’ वैश्विक चीनी कीमतों के बारे में, एआईएसटीए ने कहा कि वे मुख्य रूप से ब्राजील में शुष्क मौसम की स्थिति के कारण चीनी उत्पादन कम होने के कारण कीमतें मजबूत हुई हैं।
इसके अलावा, कच्चे तेल की कीमत में वृद्धि ने इथेनॉल के उत्पादन को और अधिक आकर्षक बना दिया है। मौजूदा हालात में, अक्टूबर 2021 के महीने के लिए कच्ची चीनी की अंतरराष्ट्रीय चीनी कीमत लगभग 18 सेंट प्रति पाउंड है। एआईएसटीए ने कहा, ‘‘विश्व बाजार में चीनी की मांग और आपूर्ति की मौजूदा स्थिति को देखते हुए, हमारा मानना है कि आने वाले महीनों में अंतरराष्ट्रीय कीमतें मजबूत बनी रह सकती हैं।’’