नई दिल्ली। पिछले साल देश में हुए चावल के रिकॉर्ड उत्पादन की वजह से इस साल चावल निर्यात का भी रिकॉर्ड टूटा है। वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक अप्रैल से सितंबर के दौरान देश से 62,73,674 टन चावल निर्यात हुआ है जो किसी भी वित्तवर्ष की पहली छमाही में अबतक का सबसे अधिक निर्यात है। वित्तवर्ष 2016-17 की पहली छमाही के दौरान देश से 54,83,485 टन चावल का एक्सपोर्ट हुआ था। वित्तवर्ष 2017-18 की पहली छमाही यानि अप्रैल से सितंबर के दौरान देश से चावल निर्यात में 14 फीसदी अधिक का इजाफा दर्ज किया गया है।
अफ्रीकी देशों में बढ़ी गैर बासमती चावल की मांग
इस साल बासमती चावल का एक्सपोर्ट तो बढ़ा ही है लेकिन गैर बासमती चावल के एक्सपोर्ट में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अप्रैल से सितंबर के दौरान देश से 41,41,791 टन गैर बासमती चावल निर्यात हुआ है जो 2016-17 की पहली छमाही में हुए एक्सपोर्ट के मुकाबले 21 फीसदी अधिक है। पिछले साल अप्रैल से सितंबर के दौरान देश से 54,83,485 टन गैर बासमती चावल का एक्सपोर्ट हुआ था। इस साल पश्चिमी अफ्रीकी देशों में भारतीय गैर बासमती चावल की मांग में जोरदार बढ़ोतरी हुई है, बेनिन, सेनेगल, गुयाना और आईवरी कोस्ट में इस साल भारतीय गैर बासमती चावल की मांग बढ़ी है जिससे निर्यात में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पश्चिमी अफ्रीकी देशों के अलावा भारत के पड़ोसी बांग्लादेश और नेपाल ने भी इस साल भारत से गैर बासमती चावल की खरीद बढ़ाई है।
बासमती चावल के निर्यात का भी बना नया रिकॉर्ड
बासमती चावल की बात करें तो इसके निर्यात का भी रिकॉर्ड बना है, अप्रैल से सितंबर के दौरान देश से 21,31,883 टन बासमती चावल का एक्सपोर्ट हुआ है जो किसी भी वित्तवर्ष की पहली छमाही में सबसे अधिक निर्यात है। भारत से बासमती चावल की अधिकतर खरीद ईरान, सऊदी अरब, इराक और संयुक्त अरब अमिरात करता है। इस साल ईरान की खरीद में फिर से बढ़ोतरी हुई है जिस वजह से बासमती चावल के निर्यात में इजाफा दर्ज किया गया है। खाड़ी देशों के अलावा यूरोप और अमेरिका में भी बासमती चावल के निर्यात में इजाफा देखा जा रहा है।
चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है भारत
3 साल से भारत दुनियाभर में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक देश बना हुआ है और इस साल भी ऐसा लग रहा है कि थाईलैंड और वियतनाम को पछाड़ते हुए भारत चावल का नंबर वन निर्यातक बना रहेगा। पिछले फसल वर्ष 2016-17 के दौरान देश में 1101 लाख टन से अधिक चावल का उत्पादन हुआ है जो एक रिकॉर्ड उत्पादन है, इस वजह से इस साल सप्लाई पर्याप्त रही और निर्यात में बढ़ोतरी दर्ज की गई, इस साल भी देश में चावल की पैदावार अच्छी होने का अनुमान है।