नयी दिल्ली। भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच पहली उच्चस्तरीय वार्ता (एचएलडी) में द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा हुई। वाणिज्य मंत्रालय ने शनिवार को जारी बयान में यह जानकारी दी। शुक्रवार को हुई इस बैठक की सह-अध्यक्षता वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल तथा यूरोपीय संघ के कार्यकारी उपाध्यक्ष एवं व्यापार आयुक्त वाल्डिस डोमब्रोव्स्किस ने की। बैठक में मंत्रियों के बीच नियमित संपर्क के जरिये द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों को और मजबूत करने पर सहमति बनी। मंत्रियों में तीन माह के भीतर विभिन्न द्विपक्षीय व्यापार और निवेश मुद्दों पर एकराय बनाने के लिए एक और बैठक की सहमति बनी। इनमें द्विपक्षीय नियामकीय वार्ता भी शामिल है।
सीतारमण ने ब्रिटेन की मंत्री के साथ की बैठक
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री मेरी एलिजाबेथ ट्रस के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक में वित्त मंत्री ने भारत द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किये गये सुधारों के बारे में जानकारी दी। बैठक के दौरान ट्रस ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिये तत्काल उठाये गये कदमों को लेकर भारत की सराहना की। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘कोविड टीके के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच गठजोड़ प्रगाढ़ रिश्तों को बताता है। ब्रिटेन की सरकार दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के साथ और क्षेत्रों में काम करने को लेकर काफी सकारात्मक है।’’ बैठक के दौरान सीतारमण ने बजट के जरिये किये गये सुधारों की जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र, बीमा क्षेत्र में निवेश तथा लघु एवं मझोले उद्यमों को वैश्विक मूल्य श्रृंखला व्यवस्था से जोड़ने में ब्रिटेन और सहयोग कर सकता है।
विदेशी मुद्रा भंडार 4.85 अरब डॉलर बढ़ा
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 29 जनवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान 4.85 अरब अमरीकी डॉलर बढ़कर 590.18 अरब डॉलर हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इससे पहले 22 जनवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 1.09 अरब डॉलर बढ़कर 585.33 अरब अमरीकी डॉलर हो गया था। आंकड़ों के मुताबिक 29 जनवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान मुद्रा भंडार में बड़ा इजाफा विदेशी मुद्रा आस्तियों (एफसीए) के रूप में हुआ, जिसकी कुल भंडार में एक बड़ी हिस्सेदारी है। आरबीआई के साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक एफसीए 5.03 अरब डॉलर बढ़ाकर 547.22 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया।