नई दिल्ली। भारत और डेनमार्क ने बिजली क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिये सहमति पत्र (एमओयू) पर दस्तखत किये हैं। बिजली मंत्रालय ने एक बयान में कहा शुरुआती समझौते के बाद एक संयुक्त कार्यकारी समूह का गठन किया जाएगा जो एमओयू पर आगे काम करेगा। बयान के अनुसार बिजली मंत्रालय और डेनमार्क के ऊर्जा, उपयोगी सेवाओं और जलवायु मामलों के मंत्रालय के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर पांच जून को किये गये।
इस समझौते का मकसद दोनों देशों के बीच परस्पर लाभ के आधार पर बिजली क्षेत्र में एक मजबूत और दीर्घकालीन सहयोग विकसित करना है। सहमति पत्र पर भारत की तरफ से बिजली सचिव संजीव नंदन सहाय और डेनमार्क की तरफ से यहां डेनमार्क के राजदूत फ्रेडी स्वाने ने हस्ताक्षर किये। समझौते में अपतटीय पवन ऊर्जा, दीर्घकालीन ऊर्जा नियोजन, ग्रिड में लचीलापन, बिजली खरीद समझौते में लचीलापन आदि जैसे क्षेत्रों सहयोग की बात कही गयी है। इन क्षेत्रों में डेनमार्क के साथ सहयोग से देश के बिजली बाजार को लभ होगा।
इन पहचाने गये क्षेत्रों में सहयोग को हकीकत में बदलने के लिये एक संयुक्त कार्यकारी समूह का गठन किया जाएगा। इस समूह की सह-अध्यक्षता संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी करेंगे और वे दोनों तरफ से सचिव स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता वाली निगरानी समिति को रिपोर्ट करेंगे।