नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक महीने पहले 8 नवंबर रात 8 बजे 500-1000 रुपए के पुराने नोट को बंद (नोटबंदी) करने की घोषणा कर देशवासियों समेत दुनिया के बड़ी-बड़ी हस्तियों को चौंका दिया था। लेकिन असल कहानी इसके लागू करने से पहले की है। फैसले को सीक्रेट रखने के लिए नरेन्द्र मोदी ने बड़ी प्लानिंग की थी। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अधिया समेत 6 लोगों की एक टीम बनी थी। ये लोग मोदी के घर पर गुप्त रूप से काम करते थे। बताया जाता है कि इस टीम में शामिल अफसरों को गोपनीयता बरतने की शपथ दिलाई गई थी। मोदी के घर 2 कमरों में इसकी रिसर्च होती थी।
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पूरी प्रक्रिया गुप्त रखी गई
- इस योजना को लागू करने के लिए काफी सर्तकता बरती गई।
- मामले को पूरी तरह गोपनीय रखा गया था।
- हालांकि इस बीच कुछ ऐसे बयान आ रहे थे जिससे नए नोटों की छपाई की बात सामने आई।
- इस साल मई में आरबीआई ने बताया था कि वह नई सीरीज के नोटों की छपाई की तैयारी कर रहा है।
- अगस्त में 2000 रुपए के नए नोट के डिजाइन को मंजूरी दी गई थी।
- अक्टूबर के अंत में मीडिया में इस तरह की खबरें आने लगी थीं।
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हसमुख अधिया और 5 ब्यूरोक्रेट्स ने की थी पूरी प्लानिंग
- हसमुख अधिया और 5 ब्यूरोक्रेट्स का सिलेक्शन सोच-समझ के किया गया था। ये सारे लाइम लाइट से दूर थे।
- इसके अलावा इन अफसरों को मामले की पूरी समझ थी।
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मोदी के दो कमरों में गुपचुप तरीके से होता था काम
- मोदी के घर पर दो रूम में ये काम करते थे। इस मामले की सारी रिसर्च यहीं हुई। समझा जाता है कि मोदी ने इकोनॉमी रिफॉर्म की ये प्लानिंग 2014 में सत्ता में आने के बाद ही की थी।
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एक साल तक चली रिसर्च
- 8 नवंबर को मोदी के नोटबंदी के फैसले के तुरंत बाद अधिया ने ट्वीट करके कहा था, कालेधन पर लगाम कसने के लिए यह सरकार का लिया सबसे बड़ा और बोल्ड कदम है।
- सितंबर 2015 में अधिया को रेवेन्यू सेक्रेटरी बनाया गया था।
- इसके बाद वे अरुण जेटली को रिपोर्ट करने लगे।
- इसका मतलब यह भी हुआ कि अब अधिया सीधे पीएम मोदी से संपर्क कर सकते थे और जब भी किसी मुद्दे की चर्चा करनी होती थी तो ये दोनों गुजराती में बातचीत भी करते थे।
एक साल से मोदी की टीम कर रही है ब्लैकमनी को रोकने पर काम
- पीएम के एक करीबी सहयोगी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि पिछले एक साल से ज्यादा से मोदी, वित्त मंत्रालय के अफसर, आरबीआई की टीम करप्शन और काला धन के मसले पर काम कर रही थी।
नोटबंदी के ऐलान से पहले मोदी ने कैबिनेट को बोली थी ये बातें
- PM मोदी ने मंत्रियों से कहा था- पॉलिसी फेल हुई तो पूरी जिम्मेदारी मेरी।
- फैसला लागू करने के पहले जब मोदी ने कैबिनेट की मीटिंग बुलाई तो वहां मंत्रियों से कहा था, ”अगर नोटबंदी की पॉलिसी फेल हुई तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मेरी होगी।