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भारत अपनी अर्थव्यवस्था को कार्बन मुक्त करने को प्रतिबद्ध: पेट्रोलियम मंत्री

सरकार के लक्ष्य के मुताबिक साल 2030 तक भारत की ऊर्जा की कुल जरूरत में 40 प्रतिशत हिस्सा नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र से पूरा होगा।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: April 22, 2021 13:40 IST
कार्बन मुक्त...- India TV Paisa
Photo:PTI

कार्बन मुक्त अर्थव्यवस्था पर फोकस

नई दिल्ली। केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा है कि भारत की प्राथमिकतायें विकसित देशों की दुनिया के मुकाबले अलग हैं इसके बावजूद वह एक जिम्मेदार वैश्विक नागरिक होने के नाते अपनी अर्थव्यवस्था को कार्बन मुक्त रखने के लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने एक अमेरिकी ‘थिंक टैंक’ से कहा कि आने वाले समय में भारत से ही ऊर्जा मांग की वृद्धि आयेगी, क्योंकि आने वाले वर्षों में भारत की ऊर्जा मांग बढ़नी तय है। प्रधान ने कहा कि भारत की ऊर्जा मांग में होने वाली वृद्धि को पूरा करने के लिये नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र ही आगे होगा। इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हाल में की गई घोषणा का जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा किा कि 2030 तक भारत की ऊर्जा की कुल जरूरत में 40 प्रतिशत हिस्सा नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र से पूरा होगा। 

सेंटर फॉर स्ट्रेटजिक एण्ड इंटरनेशनल स्टडीज (सीएसआईएस) के कार्यक्रम में बुधवार को किये गये अपने संबोधन में प्रधान ने कहा, ‘‘हम एक उभरती अर्थव्यवस्था हैं। दुनिया की विकसित अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले हमारी प्राथमिकतायें, हमारी रणनीति अलग है। ’’ हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि एक जिम्मेदार वैश्विक नागरिक होने के नाते भारत अपनी अर्थव्यवस्था को कार्बन मुकत रखने के लिये प्रतिबद्ध है। कार्बन मुक्त अर्थव्यवस्था से तात्पर्य ऐसी अर्थव्यवस्था से है जहां कार्बन उत्सर्जन करने वाले कम ऊर्जा स्रोत हों ताकि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली कम से कम गैस उसमें निकले। पारंपरिक क्षेत्रों के अलावा भारत ऊर्जा के भविष्य के स्रोतों पर भी गौर कर रहा है। उन्होंने हाइड्रोजन को भारत के लिये प्राथमिक क्षेत्र बताते हुये उन्होंने भारत के हाइड्रोजन मिशन के बारे में बताया। भारत की इस क्षेत्र में नीतिगत पहल जारी है और वह इस क्षेत्र में अमेरिका के साथ मिलकर काम कर रहा है। इस मौके पर प्रधान ने ऊर्जा के मूल्य निर्धारण और वितरण मामले में बाजार आधारित सुधारों के बारे में भी उल्लेख किया। 

भारत लगातार अपना फोकस ऊर्जा के ऐसे स्रोत पर कर रहा है, जो पर्यावरण के अनुकूल हों, साथ ही साथ वो आयातित ईंधन पर देश की निर्भरता भी कम कर सकें, जिससें ईंधन की कीमतों पर सरकार बेहतर नियंत्रण बना सके। हाल के दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में तेल उत्पादक देशों के द्वारा उत्पादन में कटौती के बाद बढ़त देखने को मिली है, जिसके बाद पेट्रोल और डीजल की कीमते रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गये हैं। 

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