वाशिंगटन। सुधार की रफ्तार बरकरार रहे तो भारतीय अर्थव्यवस्था में 8-10 फीसदी की वृद्धि दर्ज करने क्षमता है। सुब्रमण्यम ने वाशिंगटन में एक समारोह में कहा, कोई संदेह नहीं है कि भारत को विश्व की प्रमुख शक्ति बनने के लिए बेहद तेजी से वृद्धि दर्ज करने की जरूरत है। मेरा अपना मानना है कि भारत की संभावित वृद्धि 8-10 प्रतिशत के बीच है।
वित्त मंत्री अरण जेटली के, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और वर्ल्ड बैंक की सालाना बैठक में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका यात्रा पर आने से पहले सुब्रमण्यम ने कहा, यह ध्यान देने योग्य है कि भारत पिछले 35 साल से 6 से 6.5 फीसदी की दर से वृद्धि दर्ज करता रहा है। उन्होंने कहा, यह भारत को सबसे तेज वृद्धि दर्ज करने वाली अर्थव्यवस्थाओं, लोकतांत्रिक देशों और गैर-पेट्रोलियम देशों में शामिल करेगा। इसलिए भारत का आर्थिक बदलाव काफी अच्छा है।
सुब्रमण्यम ने कहा कि कई कारकों के मद्देनजर 8-10 फीसदी की वृद्धि दर प्राप्त करना संभव है जिनमें सुधार की रफ्तार तथा इसका बरकरार रहना और निर्यात को प्रोत्साहन देने वाला वैश्विक माहौल शामिल है। उन्होंने कहा, मैं निश्चित तौर पर सोचता हूं कि यह संभव है बशर्ते हम सुधार की रफ्तार तर्कसंगत रूप से कायम रख सकें। वित्त मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार ने कहा, मेरा अपना मानना है कि यदि आप सुधार की मौजूदा रफ्तार बरकरार रख सके और कुछ अन्य चीजें कर सके तो 8-10 फीसदी वृद्धि हासिल करना वाकई संभव है।