नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि आयात के विकल्पिक स्रोत तलाश रहे देशों के लिए भारत एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता बन सकता है। उन्होंने उद्योगपतियों से इस सुनहरे मौके का फायदा उठाने के लिए कहा। ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को आगे बढ़ाने का आह्वान करते हुए गडकरी ने कहा कि फिक्की जैसे उद्योग संगठनों को उन क्षेत्रों की पहचान करनी चाहिए जिनके लिए अन्य देश बहुत हद तक आयात पर निर्भर हैं खास तौर पर ऐसे क्षेत्र जिसके लिए वो विशेष तौर पर चीन पर निर्भर हैं। कारोबारियों को इसके भारतीय विकल्प और स्वदेशी उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान चाहिए ताकि देश के निर्यात में वृद्धि हो सके।
गडकरी फिक्की के एक कार्यक्रम में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के संगठनों के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे। गडकरी के पास सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के साथ-साथ एमएसएमई मंत्रालय का भी प्रभार है। उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा हालत में सभी क्षेत्र कई परेशानियों का सामना कर रहे हैं। कोविड-19 ने कई मुश्किलें खड़ी की हैं। हालांकि इस पूरे माहौल में एक अच्छी बात यह है कि अधिकतर हितधारक अपनी अनिवार्य वस्तुओं की आपूर्ति के लिए नए विकल्प तलाश रहे हैं और भारत इसके लिए उनकी पसंदीदा जगह बन सकता है।’’ उन्होंने कहा कि चीन का 70 प्रतिशत निर्यात मात्र 10 क्षेत्रों में होता है। उन्होंने उद्योगपतियों और कारोबारियों से इस बारे में शोध कर उन विभिन्न क्षेत्रों की पहचान करने का आग्रह किया जहां भारत स्वदेशी उत्पादन कर निर्यात शुरू कर सकता है। गडकरी ने कहा कि उद्योगपतियों को चीन से निर्यात किए जाने वाले सामानों पर शोध करना चाहिए। उन्हें अन्य देशों की सफल कहानियों का भी अध्ययन करना चाहिए, जैसे वह चाहे तों बांग्लादेश सूक्ष्म वित्त मॉडल का अध्ययन कर सकते हैं। कारोबारियों ने गडकरी नेकहा कि वे उनके सामने आने वाी चुनौतियों की सूची तैयार करें और जहां तक पूंजी या वित्त पोषण से जुड़ी चिंताएं हैं उनके लिए वह खुद उन्हें आश्वासन देते हैं कि इसे वित्त मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय को शामिल कर तेजी से सुलझाया जाएगा।