नई दिल्ली। स्टाफिंग फर्म टीमलीज सर्विसेस द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट के अनुसार अगर भारत श्रम कानूनों में सुधार सहित विभिन्न नियामकीय सुधारों को आगे बढ़ाता है तो आने वाले तीन साल में बिक्री कारोबार के क्षेत्र में एक करोड़ नए रोजगार सृजित हो सकते हैं।
टीमलीज की कार्यकारी उपाध्यक्ष ऋतुपर्णा चक्रवर्ती ने कहा कि केवल दस नियामकीय सुधार करते हुए हम अगले तीन साल में बिक्री करने के काम में एक करोड़ नौकरियां सृजित कर सकते हैं। यह भारत के लिए एक अवसर है, जो कि इस समय अहम जनसांख्यकीय मोड़ पर पहुंच चुका है।
उन्होंने जिन सुधारों का जिक्र किया उनमें 44 केंद्रीय श्रम कानूनों को केवल चार श्रम संहिताओं में समाहित करना, विशिष्ट उद्यम संख्या (यूईएन), कर्मचारी वेतन विकल्प, पीपीसी अनुपालन पोर्टल, कारखाना संशोधन विधेयक 2016, लघु कारखाना कानून में सुधार शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि शहरीकरण, मध्यम वर्ग के विस्तार, खुलकर खर्च करने वाली युवा पीढ़ी तथा सरकार की जीएसटी जैसी पहलों से अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। चक्रवर्ती ने कहा कि इस अवसर का लाभ उठाने की कंपनियों की योग्यता उनकी अधिक बिक्री करने, बेहतर बिक्री और तेजी से बिक्री करने की क्षमता पर निर्भर करेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अकेले मुंबई में ही अगले तीन साल के दौरान 3,60,000 के करीब बिक्री क्षेत्र में रोजगार पैदा हो सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार बिना सुधार के भी मुंबई में अगले तीन साल के दौरान 90 हजार के करीब नए रोजगार पैदा होंगे और बिक्री कारोबार में 15 प्रतिशत तक वृद्धि होगी।