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सरकार ने अक्षय ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने का पेश किया खाका, 2022 तक क्षमता 2 लाख मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान

सरकार को उम्मीद है कि देश 2022 तक 1,75,000 मेगावाट के अक्षय ऊर्जा लक्ष्य के मुकाबले 2,00,000 मेगावाट का लक्ष्य हासिल कर लेगा।

Manish Mishra
Updated : November 25, 2017 11:40 IST
सरकार ने अक्षय ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने का पेश किया खाका, 2022 तक क्षमता 2 लाख मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान
सरकार ने अक्षय ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने का पेश किया खाका, 2022 तक क्षमता 2 लाख मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान

नई दिल्ली सरकार ने अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में उत्पादन क्षमता बढ़ाने का खाका पेश किया है। इसके तहत मार्च 2018 तक 21,000 मेगावाट तक सौर एवं पवन ऊर्जा क्षमता की नीलामी की जाएगी। सरकार को उम्मीद है कि देश 2022 तक 1,75,000 मेगावाट के अक्षय ऊर्जा लक्ष्य के मुकाबले 2,00,000 मेगावाट का लक्ष्य हासिल कर लेगा। पवन और सौर ऊर्जा की नीलामी की रूपरेखा के लिये आयोजित कार्यक्रम में बिजली एवं नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा कि मार्च 2018 तक तीसरे और चौथे चरण में 3,000 से 4,000 मेगावाट पवन ऊर्जा क्षमता की नीलामी की जाएगी। प्रत्येक चरण में 1500 से 2000 मेगावाट तक की क्षमता की परियोजनाएं लगाने के लिये नीलामी की जाएगी।

इस मौके पर पवन ऊर्जा की दूसरी नीलामी के तहत पवन ऊर्जा की खरीद के लिए भारतीय सौर ऊर्जा निगम और उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, असम, पंजाब, गोवा तथा ओड़िशा की बिजली वितरण कंपनियों ने बिजली बिक्री समझौते (PSA) पर दस्तखत किए।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने इस साल पहले और दूसरे दौर में 2,000 मेगावाट क्षमता की पवन ऊर्जा परियोजनाएं लगाने को लेकर नीलामी की। साथ ही वर्ष 2022 तक 60,000 मेगावाट क्षमता की पवन ऊर्जा परियोजनाएं लगाने का लक्ष्य हासिल करने को लेकर 2018-19 और 2019-20 में 10,000-10,000 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं की नीलामी करने का फैसला किया। फिलहाल पवन ऊर्जा की स्थापित क्षमता 32,000 मेगावाट है।

वहीं सौर ऊर्जा के क्षेत्र में सरकार की मार्च 2018 तक 17,000 मेगावाट क्षमता सृजित करने की योजना है। अब तक 3600 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं की नीलामी की गयी है। वर्ष 2022 तक 1,00,000 मेगावाट क्षमता की सौर परियोजनाएं लगाने को लेकर केंद्र 2018-19 और 2019-20 में 30,000-30,000 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं के लिए नीलामी आयोजित करेगी। इनमें से ज्यादातर नीलामी के लिये भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसईसीआई) नोडल एजेंसी होगी।

बिजली मंत्री ने कहा कि हम गुजरात और तमिलनाडु में अपतटीय क्षेत्र में पवन ऊर्जा परियोजनाएं तथा भाखरा नांगल बांध जैसे जलाशयों में सौर परियोजनाएं लगाने की संभावना पर गौर कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि इससे देश 2022 तक 1,75,000 मेगावाट के अक्षय ऊर्जा लक्ष्य के मुकाबले 2,00,000 मेगावाट का लक्ष्य हासिल करेगा।

एक हजार मेगावाट क्षमता की पवन ऊर्जा परियोजनाओं की इस साल अक्‍टूबर में की गयी दूसरी नीलामी में शुल्क 2.64 रुपए प्रति यूनिट तक आ गई।

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