बीजिंग। पर्यटन क्षेत्र में चीन से निवेश आकर्षित करने पर जोर देते हुए भारत ने आज तेजी से फल फूल रहे इस आतिथ्य क्षेत्र में निवेश संभावनाओं के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही यहां स्थित पर्यटन कार्यालय के पुनरुत्थान की भी घोषणा की गई है ताकि अधिक से अधिक चीनी पर्यटकों को भारत आने के लिये प्रोत्साहित किया जा सके। पर्यटन सचिव विनोद जुत्शी ने बताया कि अतुल्य भारत अभियान को आगे बढ़ाने के लिए जल्द ही एक अधिकारी को यहां नियुक्त किया जाएगा। यह पद पिछले करीब एक साल से खाली पड़ा है।
जुत्शी शंघाई में उनके मंत्रालय द्वारा भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ मिलकर आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे हैं। इसमें उन्होंने भारत के तेजी से विकसित होते पर्यटन क्षेत्र में निवेश संभावनाओं को उजागर किया। भारत ने ई-वीजा सुविधा का विस्तार करते हुए चीन के पर्यटकों को लुभाने का अभियान तेज किया है। पर्यटन क्षेत्र में चीन से अधिक निवेश आकर्षित करने के लिये शंघाई में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है साथ ही भारत के बौद्ध पर्यटन क्षेत्रों में चीन से अधिक से अधिक पर्यटकों को लुभाने के लिए भी अभियान चलाया जा रहा है।
जुत्शी ने चीनी निवेशकों और पर्यटन अधिकारियों को अतुल्य भारत निवेशक पर्यटन सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। यह सम्मेलन 21 से 23 सितंबर को होगा जिसमें केन्द्रीय और राज्य पर्यटन विभाग के अधिकारी भाग लेंगे और विभिन्न परियोजनाओं के बारे में जानकारी देंगे। पिछले साल तीन लाख से अधिक पर्यटकों ने भारत की यात्रा की और अधिकारियों का कहना है कि ई-वीजा शुरू होने के बाद से संख्या में धीरे धीरे वृद्धि हो रही है।